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वाराणसी : संत रविदास जयंती के अवसर पर सीर गोवर्धन में सप्‍ताह भर तक चलेगा लंगर

वाराणसी : संत रविदास जयंती के अवसर पर सीर गोवर्धन में सप्‍ताह भर तक चलेगा लंगर

वाराणसी । संत रविदास की जन्मस्थली पर हर साल जयंती के समय पांच से सात दिन का अटूट लंगर चलाया जाता है। लंगर के लिए एक बार चूल्हा जलता है तो जयंती तक बुझता ही नहीं। लंगर का लगातार काम सीर गोवर्धन में चलता रहता है। इस बार 23 फरवरी से 7 दिन तक अटूट लंगर की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। लंगर की रसोइ में मिठाई और मठरी बनाने का काम काफी तेजी से इन दिनों चल रहा है। अभी तक पंजाब और हरियाणा से करीब 500 की संख्या में महिला और पुरुष सेवादार रविदास मंदिर पहुंच कर तैयारियों में जुट गये हैं।

कोरोना संक्रमण खतरों की वजह से भीड़ अभी कम है। लेकिन, मंगलवार से ही श्रद्धालुओं के लिए लंगर की शुरूआत कर दी गयी है। ट्रस्टी के एल सरोए ने बताया कि इस बार संगत कम होने के कारण 1500-2000 सेवादार लगे हैं। श्रद्धालुओं के लिये तीन लंगर हॉल बनाये गए हैं, जिसमें एक साथ 2000 लोग बैठकर खाना खा सकते हैं। मैनेजर निर्मल सिंह ने बताया कि आटा, चावल, दाल, चीनी, घी, तेल, रिफाइंड, देशी घी भी पंजाब से आ चुका है।


संत की जन्मस्थली पर अब तो साल भर लंगर चलता रहता है। यहां आने वाले भक्त और श्रद्धालुओं को प्रेम से लंगर छकाया जाता है। कोरोना काल मे भी यहां पर लंगर चलता रहा। मैनेजर निर्मल सिंह ने बताया कि कोरोना काल में आसपास की बस्ती और जरूरतमंद लोगों के खाने की व्यवस्था की गई थी। यहां साल भर 50 से लेकर हजार लोगों के लंगर की व्यवस्था की जाती है।


27 फरवरी को जयंती है लेकिन कोरोना और कृषि बिल के साथ ही ट्रेन की समस्या होने से भीड़ अभी काफी कम है, मंगलवार को करीब हजार की संख्या में भक्त और सेवादार जन्मस्थली पहुंच चुके हैं। कुछ दुकानें सज गयी हैं तो कुछ तैयारियों में जुटे हैं। मेला क्षेत्र में बच्चों को झूले और मनोरंजन के साधन लग गए हैं।