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वाराणसी : काशी से बंग्लादेश का होगा सीधा आयात-निर्यात, गंगा में चलेगा इंटरनेशनल क्रूज
वाराणसी. उत्तर प्रदेश के बनारस और बंग्लादेश के बीच क्रूज चलेगा. बंग्लादेश से हल्दिया तक जलमार्ग को वाराणसी तक विस्तार करने की तैयारी की जा रही है. बंग्लादेश से वाराणसी पहुंची टेक्नीकल टीम ने रविवार को क्रूज का निरीक्षण किया है. निरीक्षण के बाद बंग्लादेश की टीम ने जल परिवहन शुरू करने की सहमति दे दी है. इससे वाराणसी दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात का बड़ा जरिया बन सकता है.
बंग्लादेश के शिपिंग, वाणिज्य और विदेश मंत्रालय के अधिकारी वाराणसी दो दिन के दौरे पर पहुंचे हैं. रविवार को भारत सरकार के जहाजरानी मंत्रालय के अधिकारियों के साथ रामनगर के मल्टी माॅडल टर्मिनल का निरीक्षण करने के बाद मीटिंग की. इस मीटिंग में दोनों देश के अधिकारियों ने पहले हुई संधि हल्दिया-बंग्लादेश जलमार्ग के विस्तारीकरण का अहम फैसला लिया गया है. कलकत्ता तक चलने वाली जलपोत अब वाराणसी तक चलेंगी.
इस बारे में भारतीय जहाजरानी मंत्रालय के सदस्य भूषण शुक्ला ने कहा कि बंग्लादेश के साथ वर्तमान में कलकत्ता के हल्दिया बंदरगाह से बंग्लादेश के मांगला, ढाका, नारायणगंज और आंसुगंज समेत 13 बंदरगाहरों से व्यापारिक करार है. अब इसकी दूरी बढ़ाकर बनारस तक करने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व में उत्तर पूर्व भारत ब्रम्हपुत्र नदी पर भी कई भारतीय बंदरगाह बंग्लादेश से जोड़कर व्यापार को बढ़ावा देने की तैयारी है.
जहाजरानी मंत्रालय के भूषण शुक्ला ने कहा कि वाराणसी बंदरगाह के बारे में बंग्लादेश के अधिकारियों को पूरी जानकारी दी गई. जिसके बाद उन्होंने सहमति दे दी है. अब दोनों देश के रिपोर्ट सौंपने के बाद जहाजरानी और विदेश मंत्रालय के बीच समझौता होगा. इस मीटिंग के बाद दोनों देश के अधिकारियों ने जेट्टी, जर्मन क्रेन और प्रशासनिक भवन का निरीक्षण किया. जिसके बाद सभी अधिकारी अलकनंदा क्रूज से खिड़किया घाट तक गंगा के चैनल और घाट पर चल रहे कामों की जानकारी ली.