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जौनपुर : पिछले पांच साल में वृक्ष आच्छादित क्षेत्रों में हुआ 17 फीसद तक का इजाफा

जौनपुर : पिछले पांच साल में वृक्ष आच्छादित क्षेत्रों में हुआ 17 फीसद तक का इजाफा

जौनपुर । जिले में जल व पर्यावरण संरक्षण के लिए राहत भरी खबर है। जिले में पांच वर्षों में वृक्ष आच्छादित क्षेत्रों में 17 फीसद इजाफा हुआ है। जो स्वस्थ पर्यावरण के लिए बेहतर है। फिलहाल जिले में छह सौ हेक्टेयर से अधिक वृक्ष आच्छादित क्षेत्र हैं। 

इतना ही नहीं आम लोगों के जीवन में जहर घोल रहे प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए वन विभाग 75 लाख पौधों को अपनी 48 नर्सरियों में उगा रहा है। बारिश के दिनों में 50 लाख 60 हजार पौधों को हाइवे के किनारों व अन्य स्थानों पर रोपित किया जाएगा। इसमें वन विभाग के साथ ही अन्य विभागों की भी हिस्सेदारी होगी। 

इसमें से 18 लाख 58 हजार पौधों को वन विभाग स्वयं लगाएगा, जबकि 32 लाख दो हजार पौधों को ग्राम पंचायतों समेत अन्य विभागों को दिया जाएगा। बरसात के साथ ही एक अभियान के तहत पौधारोपण किया जाएगा। तैयारी को विस्तृत रूप देने को इसका पूरा माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। जिसमें सभी रेंज अधिकारियों की ड्यूटी अभी से तय कर दी गई है। वन विभाग की इस कवायद से आबोहवा में बदलाव की उम्मीद जग गई है। 

 हर वर्ष वन विभाग की ओर से तीन लाख पौधे लगाए जाते हैं। हालांकि इनमें से 50 से 60 फीसद पौधे ही वृक्ष का रूप ले पाते हैं। 


ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती से निबटने के लिए इस वर्ष दोगुने से भी अधिक पौधारोपण करने की तैयारी की गई है। विभाग अपनी विभिन्न 48 नर्सरी में 75 लाख पौधों को उगा रहा है। खास बात यह है कि वृक्ष आच्छादित क्षेत्र में 17 फीसद इजाफा हुआ है। हरियाली बरकरार रखने के लिए प्रत्येक वर्ष सौ हेक्टेयर क्षेत्र में पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। वृक्षों की संख्या बढऩे से जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, वहीं जीवन में जहर घोल रहे प्रदूषण का स्तर भी कम होगा।

“ हाईवे, सड़क व नहरों के किनारे समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण किया जाएगा। 75 लाख पौधों के रहने से पौधारोपण के बाद सूख चुके पौधों को बदलने में मदद मिलेगी। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा। ”