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आधार कार्ड से नहीं जुड़े होने के कारण 3 करोड़ राशन कार्ड रद किए जाने का " मामला बेहद गंभीर " –सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने आधार से लिंक न होने के कारण तीन करोड़ राशन कार्ड रद किए जाने को गंभीर मुद्दा बताया है। कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई का मन बनाते हुए केंद्र व राज्य सरकारों से जवाब मांगा है। झारखंड की रहने वाली कोइली देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि आधार से लिंक न होने के कारण तीन करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड रद किए गए हैं। इससे भुखमरी की नौबत आ गई है।यह मामला प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष लगा था। शुरुआत में कोर्ट नोटिस जारी करने का इच्छुक नहीं था।
कोर्ट ने संबंधित हाई कोर्ट जाने को कहा लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस ने आग्रह करते हुए कहा कि यह गंभीर मुद्दा है। तीन करोड़ राशन कार्ड रद किए गए हैं। आदिवासी इलाकों में फिंगर प्रिंट और आंखों की स्कैनिंग की समस्या है। गोंजाल्विस की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने भी इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए सुनवाई पर सहमति जताई। कोर्ट ने केंद्र व सभी राज्यों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने आरोपों का खंडन किया। लेखी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून में शिकायत निवारण की व्यवस्था है। अगर आधार उपलब्ध नहीं है, तो वैकल्पिक दस्तावेज जमा कराए जा सकते हैं।
सरकार साफ कह चुकी है कि आधार न होने की स्थिति में भोजन के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। इन दलीलों पर पीठ ने लेखी से कहा कि यह गंभीर मुद्दा है। आप इसे विरोधी याचिका न मानें, जवाब दाखिल करें। चार सप्ताह बाद इस पर सुनवाई होगी।नौ दिसंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने वैध आधार कार्ड न होने पर राशन आपूर्ति से इन्कार किए जाने के आरोपों पर सभी राज्यों से जवाब मांगा था। उस समय कोर्ट ने राज्यों से कहा था कि वे बताएं कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून की धारा 14, 15 और 16 के तहत उन्होंने शिकायत निवारण तंत्र बनाने की दिशा में क्या किया है। उस समय भी केंद्र सरकार ने भुखमरी से मौत के आरोपों को नकारा था और कहा था कि रिपोर्ट के मुताबिक मौत भूख से नहीं हुई।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोइली देवी की 11 साल की बेटी की 2017 में भूख से मौत हो गई थी। अथॉरिटी ने आधार से लिंक न होने के कारण उनके परिवार का राशन कार्ड रद कर दिया था। परिवार को राशन नहीं मिल रहा था, जिससे परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया।याचिका में कहा गया है कि देशभर में करीब चार करोड़ राशन कार्ड रद किए गए हैं। पहले इन्हें फर्जी कार्ड बताकर रद करने को न्यायोचित ठहराया जा रहा था, लेकिन जांच में पता चला कि राशन कार्डधारकों को कभी भी इस बारे में नोटिस नहीं भेजा गया। याचिका के मुताबिक जांच रिपोर्ट में राशन कार्ड सही होने की भी बात है।