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दुश्मन देशों को मिलेगी कड़ी टक्कर,आज फ्रांस से भारत पहुंचेगा 3 और राफेल, हवा में होगी रिफ्यूलिंग

दुश्मन देशों को मिलेगी कड़ी टक्कर,आज फ्रांस से भारत पहुंचेगा 3 और राफेल, हवा में होगी रिफ्यूलिंग


नई दिल्ली । लगभग बीते एक साल से चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच भारतीय वायुसेना के हवाई जखीरे में फिर इजाफा होने जा रहा है। दरअसल, राफेल लड़ाकू विमानों की नई खेप आज फ्रांस से भारत पहुंच जाएंगी ।

आप को बता दें कि तीन राफेल लड़ाकू विमान आज शाम को अंबाला के एयरबेस पर लैंड करेंगे। ये तीनों विमान विमान फ्रांस से भारत की  दूरी बिना रुके तय करेंगे। इसके लिए यूएई के आसमान में ही तीनों विमानों में एयर टू एयर रिफ्यूलिंग की जाएगी, यानि उड़ान के दौरान आसमान में ही ईंधन भरा जाएगा।


बता दें कि भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमान की डील है। भारत में फ्रांसीसी दूत इमैनुअल लेनिन ने कहा है कि कोरोना के बावजूद 2022 तक तय समय में सारे लड़ाकू विमान भारत को सौंप दिए जाएंगे। उन्होंने कहा है कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि कोरोना के बावजूद हम भारत को तय समय और उससे पहले राफेल सौंपने के लिए सक्षम हैं।


उन्होंने आगे कहा, 'अभी 21 राफेल भारत को दिए गए हैं। 11 पहले से ही भारत को दिए गए। 3 अभी उड़ान भड़ने वाले हैं। अप्रैल अंत तक पांच और दे दिए जाएंगे।'' लेनिन ने कहा है कि अनुबंध के अनुसार 2022 तक सभी 36 विमानों को भारत को सौंप दिया जाएगा। लद्दाख में भारत-चीन के विघटन पर भारत के लिए फ्रांसीसी दूत लेनिन ने कहा, ''हमें डी-एस्केलेशन देखने की उम्मीद है। हमें लगता है कि किसी भी देश के पास विस्तारवादी नीति का अधिकार नहीं है। हम आशा करते हैं कि विघटन ठीक से किया जा सकता है।''


29 जुलाई को भारत पहुंची थी राफेल की पहली खेप
राफेल विमानों की पहली खेप 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंची थी। लगभग छह सप्ताह बाद इन विमानों को भारतीय वायु सेना में शामिल करने के लिए एक समारोह आयोजित किया गया था। एक अन्य प्रश्न के जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए एक समझौता किया था। दूसरी खेप में तीन नवंबर को तीन और तीसरी खेप में 27 जनवरी को तीन अन्य राफेल विमान भारत आए।

 रूस से सुखोई जेट विमानों की खरीदी के 23 साल बाद राफेल के रूप में भारत ने लड़ाकू विमानों की बड़ी खरीद की है। इन विमानों का पहला स्क्वाड्रन अंबाला वायु सेना स्टेशन में तैनात है और दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासिमारा वायु सेना स्टेशन पर तैनात होगा।