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वाराणसी : MGKVP / SSVV में नए कुलपति की तलाश जारी , मई माह में पूरा हो रहा कार्यकाल
वाराणसी । महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपतियों का तीन वर्ष का कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है। इसे देखते हुए दोनों विश्वविद्यालयों में नए कुलपति की तलाश शुरू हो गई है। इस क्रम में सर्च कमेटी के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
कुलपतियों का चयन सर्च कमेटी के माध्यम से होता है। तीन सदस्यीय सर्च कमेटी में एक सदस्य गर्वनर नामिनी, दूसरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नामिनी होते हैं। तीसरा सदस्य संबंधित विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद नामित करती है। इस क्रम में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने सर्च कमेटी में पूर्व कुलपति प्रो. वी. कुटुम्ब शास्त्री को नामित किया है। संस्कृत के प्रकांड विद्वान प्रो. शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (नई दिल्ली) व सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय (सोमनाथ-गुजरात) के भी कुलपति रह चुके हैं।
काशी विद्यापीठ की कार्यपरिषद ने अब तक सर्च कमेटी के लिए सदस्य नामित नहीं किया है। काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह का तीन वर्ष का कार्यकाल 23 मई को तथा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल तीन मई को पूरा हो रहा है। ऐसे में दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का कार्यकाल अब तीन माह से भी कम बचा हुआ है।
नियमानुसार दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपति अब नीतिगत फैसले नहीं ले सकते हैं। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने स्नातक वार्षिक परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि 18 मार्च तक के लिए बढ़ा दी है। पहले ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि 27 फरवरी निर्धारित की गई थी। अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी वाराणसी सहित पांच जिलों के हजारों छात्र अब तक परीक्षा फार्म नहीं भर सके हैं। ऐसे में वाराणसी के अलावा चंदौली, भदोही, मीरजापुर व सोनभद्र के छात्रों को राहत मिल गई।
कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने बताया कि स्नातक प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ खंड के संस्थागत के साथ बैक, श्रेणी सुधार व व्यक्तिगत परीक्षार्थी परीक्षा फार्म भर सकते हैं। व्यक्तिगत परीक्षार्थी ई-चालान के माध्यम से 20 मार्च तक शुल्क जमा कर सकते हैं। संस्थागत व व्यक्तिगत परीक्षार्थी आवेदन पत्र की हार्ड कापी 22 मार्च तक संकाय, विभाग व संबंधित कालेजों में जमा कर करते हैं। उन्होंने कहा कि एप्रूब्ड परीक्षा फार्म महाविद्यालय एक अप्रैल तक विश्वविद्यालय में जमा कर सकते हैं। वाराणसी के अलावा पांच जिलों में स्नातक की वार्षिक परीक्षाओं में करीब ढाई लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। वार्षिक परीक्षाएं अप्रैल में होने की संभावना है।