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मणिपुर सरकार का सख़्त निर्देश , पड़ोसी मुल्क म्यांमार के लोगों को देश में न घुसने दें, न शरणार्थी शिविर लगाएं, न खाना-पानी दें
नई दिल्ली. मणिपुर की सरकार ने म्यांमार से आने वाले लोगों के एंट्री पर बैन लगाने का सख्त निर्देश दिया है. इस आदेश को लेकर 5 ज़िलों के कमिश्नर को चिट्ठी लिखी गई है. ये सारे ज़िले मणिपुर की सीमा से सटे है. सरकार ने कहा है कि सिर्फ मानवीय या फिर मेडिकल जरूरत के आधार पर ही लोगों को भारत में आने दिया जाए. सरकार को डर है कि वहां के नागरिक भारत में शरणार्थी बनकर घुसने का प्रयास कर सकते हैं.
मणिपुर के गृह सचिव एच ज्ञान प्रकाश की तरफ से लिखी गई इस चिट्ठी में कहा गया है कि सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार के नागरिक भारत में घुसने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में जिलों को निर्देश दिया है कि वो उन्हें देश में न घुसने दे. शरणार्थियों के लिए न राहत शिविर बनाएं और न खाने-पीने का इंतजाम करें. वे शरण मांगने आएं तो उन्हें हाथ जोड़कर वापस भेजें. मंगलवार तक सभी ज़िलों से रिपोर्ट मांगी गई है. बता दें कि भारत और म्यांमार के बीच करीब 1643 किलोमीटर की सीमा है.
शरणार्थियों की संख्या 1,000 के पारमिजोरम के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि म्यांमार में फरवरी में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से वहां से राज्य में आए शरणार्थियों की संख्या 1,000 पार कर गयी है. अब तक कम से कम 100 लोगों को उनके देश वापस भेजा दिया गया है, लेकिन वे छुपकर वापस भारत में की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर लोग सीमावर्ती गांवों में रह रहे हैं और स्थानीय एनजीओ उनकी मदद कर रहे हैं, कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के पास रह रहे हैं.
शुक्रवार को मोरे-तामू बॉर्डर पर बड़ी संख्या में म्यांमार के नागरिकों ने भारत की सीमा में घुसने की कोशिश की. इसमें बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं भी थीं. हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने इन्हें आने नहीं दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोली लगने के चलते तीन नागरिक भारत की सीमा में मदद के लिए पहुंच गए. फिलहाल इन तीनों का इलाज मणिपुर में चल रहा है.