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वाराणसी : काशी विश्वनाथ अन्न क्षेत्र में संचालित होगी शिव की रसोई, रंगभरी एकादशी पर मंदिर प्रशासन करेगा शुभारंभ

वाराणसी : काशी विश्वनाथ अन्न क्षेत्र में संचालित होगी शिव की रसोई, रंगभरी एकादशी पर मंदिर प्रशासन करेगा शुभारंभ

वाराणसी । रंगभरी एकादशी पर गौरा गौने आएंगी और उसी दिन शिव की रसोई भी शुरू हो जाएगी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर अन्न क्षेत्र संचालन के लिए प्रशासन ने जो खाका खींचा है, उससे यह संयोग बनने जा रहा है। बाबा की रसोई में नित्य 500 से अधिक भक्त अन्न प्रसाद ग्रहण कर पाएंगे तो श्रद्धालुओं के लिए सेवा का योग भी बनेगा। पहले चरण में शिव की रसोई में सिर्फ एक समय यानी दोपहर का भोजन बनेगा। इसके लिए प्रशासन की ओर से शहर के लोगों से सहयोग की अपील की गई है। इसमें न्यूनतम 11 हजार रुपये सहयोग के रूप में देने वाले परिवार के हाथ सबसे पहले प्रसाद का वितरण होगा। प्रसाद बनाने में सहयोग कर सकेंगे तो मंदिर की एक आरती में सपरिवार भाग लेने का मौका मिलेगा।


श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का अन्नक्षेत्र का पिछले साल पीएम ने लोकार्पण किया था। इस जी प्लस फाइव मंजिला भवन को 13 करोड़ रुपये खर्च कर बनाया गया है। इसे संचालित करने के लिए अन्न क्षेत्र संचालन करने वाली विभिन्न संस्थाओं को बुलाया जरूर गया लेकिन बात नहीं बन पायी। हालांकि कोरोना काल में जरूरतमंदों को यहां से पका भोजन वितरित किया गया। इससे पहले मंदिर परिसर में ही अन्न क्षेत्र संचालन का अस्थायी रूप से प्रयास किया गया था लेकिन वह भी कुछ ही दिनों तक चल सका था।


शास्त्रीय मान्यता है कि बाबा भोले शंकर का तिलक वसंत पंचमी को चढ़ाया गया तो महाशिवरात्रि को विवाह हुआ। फागुन शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी रंगभरी एकादशी को बाबा गौरा को गौना लाए। इसे काशी में पर्व के रूप में मनाया जाता है। बाबा की बरात निकाली जाती है और गौरा गर्भगृह में विराजमान की जाती हैैं। खास दिन पर भक्त बाबा से होली हुड़दंग की अनुमति पाकर निहाल हो जाते हैैं।

शिव की रसोई में दोपहर का प्रसाद बनेगा। भक्तों की चाह रहेगी तो प्रसाद दोनों वक्त भी बनेगा। इसकी शुरूआत रंग भरी एकादशी से की जा रही है। शहर के बहुतायत लोगों ने इसमें भागीदारी को हामी भरा है। 

            - दीपक अग्रवाल, कमिश्नर - 
                      वाराणसी