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वाराणसी : फर्जीवाड़े में फंसे संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव

वाराणसी : फर्जीवाड़े में फंसे संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव


वाराणसी । संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रमाणपत्रों के सत्यापन से जुड़े फर्जीवाड़े में दो वर्तमान कुलपति सहित कुलसचिव और सहायक कुलसचिव के भी नाम सामने आए हैं. इस मामले को लेकर शासन की तरफ से अधिकारियों सहित 19 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिये गये हैं, जिसके बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि शासन की और से जिनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश मिले हैं, वह पूर्वांचल, झारखंड, वर्धा, रज्जू भैया विश्वविद्यालय में तैनात हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अभिलेखों के सत्यापन में भारी अनियमितताएं मिली थीं, जिसे लेकर एसआईटी ने जांच की और रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी. दूसरी और विशेष सचिव मनोज कुमार की तरफ से विश्वविद्यालय को जारी किए गए पत्र में नौ अधिकारियों और दस कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के भी आदेश दिये गए हैं.

कार्रवाई की जांच करने आए अधिकारियों में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति डॉ. रजनीश शुक्ला, झारखंड में स्थित कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गंगाधर पंडा, पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कुलसचिव महेंद्र कुमार, विद्याधर त्रिपाठी, योगेंद्र नाथ गुप्ता, प्रो. राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय प्रयागराज में सहायक कुलसचिव दीप्ति मिश्रा, कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेश कुमार द्विवेदी, उप कुलसचिव इंदुपति झा, महेंद्र कुमार शामिल हैं. इस बारे में बात करते हुए कुलपति प्रोफेसर राज राम शुक्ला ने बताया कि शासन के निर्देशों व जांच रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है. विधि सम्मत जो भी उचित कार्रवाई होगी की जाएगी