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वाराणसी : बंदरगाह विकास कार्य में आयी तेजी,साढे़ छह एकड़ जमीन की हुई रजिस्ट्री, आईडब्ल्यूएआई को अभी चाहिए 24 एकड़

वाराणसी : बंदरगाह विकास कार्य में आयी तेजी,साढे़ छह एकड़ जमीन की हुई रजिस्ट्री, आईडब्ल्यूएआई को अभी चाहिए 24 एकड़

वाराणसी । राल्हूपुर में बने बंदरगाह के विस्तार में भूमि अधिग्रहण का रोड़ा अब खत्म होता दिखाई दे रहा है। विभाग ने साढ़े छह एकड़ भूमि की एक दिन पूर्व ही जहां रजिस्ट्री कराई है वहीं शेष 24 एकड़ भूमि को अनिवार्य अधिग्रहण बिल के तहत लेने की तैयारी है। इसके लिए विभाग ने लगभग सौ करोड़ रुपये की मांग संबंधित प्रस्ताव बनाकर नोयडा मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है।

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की ओर से लगभग 38 हेक्टेयर में टर्मिनल बनाया गया है। शेष जमीन अनिवार्य अधिग्रहण के तहत किसानों की जमीन ली जाएगी। विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय नोएडा भेज दिया है।स्वीकृति मिलने के बाद किसानों की मांग को पूरी करते हुए भूमि ली जाएगी। 

मालूम हो कि हल्दिया-वाराणसी जलमार्ग-1 के जरिए जलपोत की आवाजाही होती है।राल्हूपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत बना बंदरगाह से बांग्लादेश व बनारस का सीधा जुड़ाव होगा। इससे व्यापारियों व उद्यमियों के माल को तय स्थान तक पहुंचने में काफी सहूलियत होगी और व्यापारिक रिश्तों को मजबूती भी मिल रही है। बांग्लादेश के ढाका से कोलकाता व हल्दिया, पटना को जोड़ते हुए जलमार्ग बना है। बंदरगाह को हर सुविधा से जोड़ने के लिए लगभग 70 एकड़ जमीन की आवश्कता है। लगभग 38 हेक्टेयर में विभाग ने बंदरगाह,जेटी, प्रशासनिक भवन,बिजली घर सहित सड़क मार्ग का निर्माण कराया गया है।