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झांसी: 4 बहनों ने पिता की अर्थी को दिया कंधा, जानें पूरा मामला

झांसी: 4 बहनों ने पिता की अर्थी को दिया कंधा, जानें पूरा मामला

झांसी. उत्तर प्रदेश के झांसी में कोरोना के कहर से कांप रहे लोग अपने खून के रिश्तों तक से पूरी तरह से दूरियां बना रहे है. स्थिति ये है कि अंतिम समय में अपने ही खून के रिश्ते चार कंधे देने से कतरा रहे हैं. लेकिन झांसी में दूसरे ही तरह का मामला सामने आया है. नवाबाद थाना क्षेत्र के डडियापुरा गल्ला मंडी रोड निवासी गौरेलाल साहू की शुक्रवार को मौत हो गई थी. अर्थी को उसकी चार बेटियों ने कंधा दिया. साथ ही श्मशान में विधि-विधान के साथ मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार की रस्म निभाई. गौर करने वाली बात ये रही कि बहनों ने अपने भाई को इस अंतिम संस्कार से दूर ही रखा.

दरअसल, शहर में डडियापुरा गल्ला मंडी रोड निवासी गोरे लाल साहू की शुक्रवार को सुबह हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. मौत की खबर मिलते ही उसकी चारों बेटियां (शोभा, संगीता, लेखनी और स्वाति) मायके पहुंचीं और पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठाई. बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर श्याम चौपड़ा स्थित श्मशान घाट तक पहुंचाया और फिर मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया तो लोग आश्चर्य चकित रह गए क्योंकि गौरेलाल का पुत्र होते हुए लड़कियों ने अंतिम संस्कार किया.

इस पर संगीता साहू ने बताया कि उनका भाई पिता को प्रताड़ित करता था. इसलिए चारों बहनें ही पिता की देखभाल करती थीं. जब पिता का निधन हुआ तो सभी बहनों ने तय किया कि भाई को शव को हाथ भी नहीं लगाने देंगे. सबने मिलकर अंतिम संस्कार की रस्म को निभाया. उन्होंने भाई व भाभी को शव के पास फटकने नहीं दिया. यह घटनाक्रम ने ऐसे पुत्रों को सबक है, जो माता-पिता की देखभाल नहीं करते.