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चंदौली : चकिया के गांवों में गंदगी का अंबार, सफाईकर्मी हुए महीनों से लापता
चंदौली । चकिया के गांवों में सफाई व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई है लेकिन कर्मी गांवों में कभी-कभार ही दर्शन देने के लिए जाते हैं। इससे गांवों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। लापरवाही से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है।
स्वच्छ भारत मिशन पर सरकार का जोर है। वहीं सफाईकर्मियों को नियमित गांवों में जाकर सफाई का निर्देश है लेकिन शासन का फरमान बेअसर साबित हो रहा है। सफाईकर्मी गांवों में सफाई के उद्देश्य से नहीं जाते हैं।
यहां तक कि उनकी निगरानी करने वाले जिम्मेदार भी समस्या को लेकर लापरवाह बने हुए हैं। वहीं सफाईकर्मी मुफ्त में तनख्वाह और सरकारी नौकरी का लाभ उठा रहे है । नियमित सफाई नहीं होने से गांव की गलियों व कस्बों की सड़कों पर गंदगी का अंबार व नालियां बजबजा रही हैं। क्षेत्र के दिरेहूं, तिलौरी, सोनहुल, महादेवपुर कला, डूही सूही, प्रेमापुर व महादेवपुर खुर्द आदि ब्लाक मुख्यालय से सटे गांवों के सफाई कर्मी गायब रहते हैं।
स्थानीय निवासी कहते हैं कि सफाईकर्मियों की मनमानी के चलते कूड़े-कचरे का ढेर व नालियों में गंदा पानी बजबजा रहा है। कोरोना संक्रमण काल में सरकार साफ-सफाई को लेकर सजग है, लेकिन ब्लाक के अधिकारियों की उदासीनता के चलते गावों की सफाई व्यवस्था बेपटरी हो गई है। एडीओ पंचायत सत्येंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि सफाई कर्मियों के कार्य की निगरानी का दायित्व ग्राम पंचायत का है। सफाई के लिए नहीं आने वाले सफाई कर्मियों के बारे में रिपोर्ट देनी चाहिए।