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ई-पास का काम करेंगे कलर-कोडेड स्टिकर, पुलिस मुफ्त में करेगी जारी
मुंबई। कोरोना वायरस की नई लहर से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में आंशिक लॉकडाउन लागू हो चुका है और डिप्टी-सीएम ने लोगों के कोविड-एहतियाती उपाय ना अपनाने पर टोटल लॉकडाउन लागू करने की संभावना भी जता दी है। कर्फ्यू जैसे माहौल के बीच मुंबई में आवश्यक वाहनों की आवाजाही बरकरार रखने के लिए पुलिस ने एक अनोखा तरीका खोजा है। मुंबई पुलिस आवश्यक सेवाओं में जुटे वाहनों के लिए रंगीन स्टिकर जारी करेगी जो ई-पास की तरह होंगे।
मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने बताया कि कोरोना के रिकॉर्ड़तोड़ मामलों के बीच सड़कों पर अनावश्यक यातायात को रोकना बहुत जरूरी है। इसके लिए मुंबई पुलिस ने सभी अधिकृत वाहनों के लिए 'कलर-कोडेड स्टिकर' जारी करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में जारी कड़े प्रतिबंधों के साथ इन स्टिकर्स का इस्तेमाल लागू किया जाएगा।
नागराले ने द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक कलर-कोडेड स्टिकर लाल, हरे और पीले रंग के होंगे। इन्हें शनिवार शाम से स्थानीय पुलिस स्टेशनों द्वारा अधिकृत श्रेणियों के तहत आने वाले यानी अनुमति प्राप्त वाहनों के लिए नि:शुल्क जारी किया जा रहा है।
उन्होंने आगे बताया, "जहां लाल स्टिकर लगे वाहन डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य पेशेवरों, चिकित्सा आपूर्ति, एंबुलेंस आदि के लिए होंगे, हरे रंग के स्टिकर उन वाहनों के लिए होंगे जो सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों, दूध, बेकरी उत्पाद, सब्जियां, फलों को लाने-ले जाने में लगे हुए हैं, जबकि पीले रंग स्टिकर आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों की आवाजाही के लिए होंगे।"
मुंबई पुलिस द्वारा यह कदम उन शिकायतों के बाद उठाया जा रहा है, जो लागू प्रतिबंधों के बावजूद इन जरूरी सेवाओं में लगे वाहनों को बड़े पैमाने पर यातायात में फंसा कर रखते हैं, विशेषकर शहर में प्रवेश करने वाले निकास मार्गों पर।
मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई का मकसद सड़कों पर चलने वाले समस्त गैर-अधिकृत वाहनों को रोकना है। पता चला है कि कुछ लोग सड़कों पर और राजमार्गों पर जरूरी सेवाओं में लगे वाहनों के लिए यातायात में बाधा पैदा करते हुए मजे के लिए सवारी या लंबी-राइड के लिए जाते मिले हैं।
पुलिस कमिश्नर नागराले ने चेतावनी दी है कि किसी को भी कोविड प्रतिबंध के तहत लागू नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया या कलर-कोडेड स्टिकर का दुरुपयोग करते हुए पकड़ा गया तो उन्हें कड़ी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।