खाना खज़ाना : सोयाबीन को सुपरफूड कहा जाता है। इसमें प्रोटीन, एमिनो एसिड के अलावा विटामिंस और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन ई की मात्रा ज्यादा होती है। इसके अतिरिक्त सोयाबीन में आइसोफ्लेवॉन्स नामक गुणकारी तत्व पाया जाता है। सोयाबीन प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत है। इसमें प्रोटीन 40 प्रतिशत तक होता है। इसके अलावा, सोयाबीन से दूध भी तैयार किया जाता है। इस दूध को जमाकर दही बनाया जाता है और दही को पनीर की तरह टुकड़ों में काट और प्रेस कर टोफू बनाया जाता है। टोफू का अविष्कार चीन में हुआ था। इसे बीन कर्ड (बीन दही) भी कहा जाता है। टोफू स्वाद में मीठा और नमकीन होता है। पनीर की तुलना टोफू में कैलोरी बहुत कम होती है। इसे पनीर की तरह सब्जियों में डालकर बनाया जाता है। टोफू को फ्राई कर स्नैक्स में भी यूज कर सकते हैं। आइए, टोफू के फायदे को जानते हैं-
-इसके सेवन से हड्डियां और मसल्स मजबूत होती हैं।
-यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इससे दिल की बीमारियां का जोखिम कम हो जाता है।
-विशेषज्ञों की मानें तो टोफू के सेवन करने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
-इसके सेवन से माइग्रेन का खतरा भी कम हो जाता है।
-यह ब्लड शुगर को सामान्य रखता है और डायबिटीज में आराम मिलता है।
-प्रोस्टेट कैंसर की रोकथाम में मदद करता है।
-यह किडनी की बीमारियों में फायदा होता है।
-टोफू के सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। खासकर कोरोना काल में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की सलाह देते हैं।
-महिलाओं के लिए भी टोफू किसी वरदान से कम नहीं होता है। इससे साइकिलिंग मेनोपॉज में आराम मिलता है। इसके लिए टोफू को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
-वहीं, जिन लोगों को एलर्जी का खतरा रहता है। उन्हें टोफू का सेवन नहीं करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।