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गाजियाबाद : एमएमजी अस्पताल में ना बेड है ना ऑक्सीजन, मरीज तड़प तड़प कर तोड़ रहे दम
गाजियाबाद : क्या वाकई यह गाजियाबाद का जिला एमएमजी अस्पताल है जिस पर पूरे जिले को संभालने की कमान है देख कर तो ऐसा लगता है जैसे खानापूर्ति के लिए ही अस्पताल को खोले रखा गया है ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कोरोना संक्रमण काल में अस्पताल में ना तो कोई बेड है ना मरीजों के लिए ऑक्सीजन लोग तड़प तड़प के इलाज के अभाव में मरने पर मजबूर हैं. यह तस्वीरें ग़ाज़ियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल की है. जहां पर यह बुजुर्ग महिला इलाज के लिए एंबुलेंस में पहुंची एंबुलेंस में ऑक्सीजन भी थी, लेकिन समय बढ़ता गया. ऑक्सीजन खत्म होती गई, लेकिन बेड नहीं मिला और नहीं मिली ऑक्सीजन जिसके चलते महिला ने दम तोड़ दिया. महिला के बेटे का कहना है 6 घंटे से लगातार अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं किसी अस्पताल में भर्ती नहीं किया बीते 2 घंटे से जिला अस्पताल में मौजूद है लेकिन यहां भी कुछ नहीं किया गया और आखिर में सांसो की डोर टूट गई.
इसके बाद की तस्वीरें और भी भयानक थी जब हमारी टीम जिला अस्पताल के आपातकालीन विभाग में पहुंची तो वहां इस तरह के एक के बाद एक कई मरीज तड़प रहे थे किसी को ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी ना ही किसी को ब्लड में रहा था ईमानदारी के साथ आए परिजन इधर-उधर भटक रहे थे ज्यादातर लोग पॉजिटिव थे लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि आखिरकार करें तो क्या करें अपनों की जिंदगी आंखों के सामने पलक झपकते ही जा रहे थे और वह भी इलाज ना मिलने के अभाव में देखिए सुनिए और समझिए इनका दर्द और बताइए कि आखिरकार इसका जिम्मेदार कौन है.
गौरतलब है कि एक तरफ अधिकारी जिले के अस्पताल में बेड ऑक्सीजन होने का दावा ठोकते हैं लेकिन जब इस तरह की तस्वीरें ग्राउंड जीरो पर सामने आती हैं तो यह दावे महेश दावे ही नजर आते हैं अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए यह तो सरकार ही बताएगी लेकिन जनता की जान को बचाने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे.