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गोरखपुर : महिलाएं ‘ लिफाफे ` बनाकर चला रहीं आजीविका,  तीन साल से निरंतर नारी-शक्ति का पेश कर रहीं अनूठा उदाहरण

गोरखपुर : महिलाएं ‘ लिफाफे ` बनाकर चला रहीं आजीविका, तीन साल से निरंतर नारी-शक्ति का पेश कर रहीं अनूठा उदाहरण

गोरखपुरः कोरोना महामारी ने एक ओर जहां लोगों से रोजगार की उम्मीदें छीन लीं. वहीं गोरखपुर जिले की रहने वाली कुछ महिलाओं ने महामारी से भी हार न मानते हुए अपने जज्बे और सरकार की सहायता से खुद तो रोजगार पाया ही जिले की अन्य महिलाओं को भी काम उपलब्ध करा दिया.


गोरखपुर जिले की आरती, रिंकी, सुनैना और कुसुम ने योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे आजीविका मिशन से जुड़कर विकास की नई इबारत लिख दी. सरकारी योजना से जुड़कर इन्होंने महिलाओं का समूह बनाकर फाइल और लिफाफे बनाने का काम शुरू कर दिया. अब ये महिलाएं न सिर्फ बेरोजगारी से दूर हैं, बल्कि जीने की नई राह भी खोज चुकी हैं.


महिलाएं जिले के खजनी ब्लॉक के सतुआभार गांव में रहती हैं. उन्होंने बताया कि योगी सरकार के 'आजीविका मिशन' ने उन्हें नई जिंदगी दी. प्रदेश के CM योगी को धन्यवाद देते हुए महिलाओं ने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता शिविरों की ही बदौलत वे इन योजनाओं का लाभ ले पा रही हैं.  


ट्रेनिंग प्रोग्राम और लोन की सहायता से महिलाओं ने 'नारी-शक्ति पेपर' के नाम से काम शुरू कर फाइल और कागज के लिफाफे बनाना शुरू किए. महिलाओं ने बताया कि लिफाफे और फाइल बेचने में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मुश्किलों को बैंक अधिकारियों और बाकी लोगों की मदद से दूर कर इन्होंने खुद को बाजार में स्थापित कर ही लिया.


योजना के सहयोग से महिलाओं में हिम्मत जागी और आज समूह की हर एक महिला दो से पांच हजार रुपए महीना कमा रही है. उनके काम में उनके पति भी सहयोग दे रहे हैं, अब उनके बच्चे भी स्कूल जाकर पढ़ाई करने लगे हैं.


इन महिलाओं की तरह ही गोरखपुर जिले में इस वक्त 13,299, कुशीनगर में 3,731, देवरिया में 10,579 और महाराजगंज में 5,778 स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं. योजना के लिए काम कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि योजना का उद्देश्य लोगों को ट्रेनिंग और ऋण दिलाकर उन सभी का व्यवसाय शुरू करवाना है. SBI सामने आकर 'गीडा' में लोगों को ट्रेनिंग उपलब्ध करवा रहा है. ट्रेनिंग प्रोग्राम से निकलने वाले हर हितग्राही को विभाग की ओर से सभी तरह की मदद दी जाती है, जिससे वे अपने आप को स्थापित कर सकें.