Covid-19
भारत : ऑक्सीजन पर केंद्र का बड़ा फैसला, सिर्फ मेडिकल यूज की अनुमति, उत्पादन बढ़ाने का भी निर्देश
नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र ने कहा कि तरल (लिक्विड) ऑक्सीजन के पूरे भंडार का उपयोग केवल चिकित्सीय उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए, किसी भी अन्य उद्योग के लिए नहीं. साथ ही केंद्र ने ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों को अधिकतम उत्पादन करने और ऑक्सीजन को तत्काल केवल चिकित्सीय उपयोग के लिए उपलब्ध कराने को कहा. फैसले के तहत गैर-स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए लिक्विड ऑक्सीजन के उपयोग को बैन कर दिया गया है. इससे पहले केंद्र सरकार ने 9 औद्योगिक इकाइयों को छूट दी थी. गृह मंत्रालय ने अपने फैसले में कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन का स्टॉक सरकार के लिए पब्लिक किया जाना चाहिए, ताकि उसका उपयोग स्वास्थ्य के लिए हो सके.
इससे पहले देश में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने कहा कि उसने सभी प्रमुख बंदरगाहों को ऑक्सीजन और दूसरे संबंधित उपक्रमण एवं सामग्री लाने वाले जहाजों से शुल्क नहीं लिये जाने का निर्देश दिया है. बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय ने रविवार को बयान में कहा कि उसने सभी प्रमुख बंदरगाहों को मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन टैंक, ऑक्सीजन बोतलें, पोर्टेबल ऑक्सीजन जेनरेटर और ऑक्सीजन कन्स्ट्रेटर लाने वाले जहाजों को बंदरगाह पर पहुंचने में प्राथमिकता देने को कहा है.
बयान में कहा गया है कि ऑक्सीजन की अत्यधिक जरूरत को देखते हुए कामराजार पोर्ट लिमिटेड सहित सभी प्रमुख बंदरगाहों से कहा गया है कि वे प्रमुख बंदरगाह न्यास द्वारा लगाए जाने वाले सभी शुल्क हटा दें. इनमें जहाज से संबंधित शुल्क और भंडारण शुल्क भी शामिल हैं. बंदरगाह प्रमुखों से कहा गया है कि वे व्यक्तिगत रूप से लॉजिस्टिक्स परिचालन की निगरानी करें, जिससे इनकी आवाजाही में दिक्कत नहीं आए. इस तरह के जहाजों को बंदरगाह पर आने में अधिक समय नहीं लगना चाहिये और उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिये.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘हम कोविड की दूसरी लहर की वजह से आपात स्थिति से जूझ रहे हैं. सभी प्रमुख बंदरगाह इस निर्देश को आज से लागू कर रहे हैं.’’ इस बीच बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जहाज ‘एमवी है नाम 86’ दीनदयाल बंदरगाह पर पहुंच गया है. इसमें आक्सीजन सिलेंडर बनाने वाली स्टील सिलेंडर ट्यूब् हैं. बंदरगाह के करीब पहुंचने पर इस जलपोत को किनारे पहुंचने में सबसे उच्च प्राथमिकता दी गई. देश में आक्सीजन कमी के बीच यह कदम उठाया गया है.’’
बयान में कहा गया है कि यदि किसी जहाज पर ऑक्सीजन से संबंधित समान के अलावा अन्य कॉर्गो भी है, तो उसे भी आनुपातिक आधार पर शुल्कों में छूट दी जाएगी. बंदरगाह मंत्रालय इस तरह के जलपोतों, उनमें लदे माल की निगरानी करेगा और यह देखेगा कि इस तरह के माल लदे जहाजों को बंदरगाह के घाट पर लगने में ज्यादा समय नहीं लगे.
सरकार ने शनिवार को कोविड टीके के साथ मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और संबंधित उपकरणों के आयात पर सीमा शुल्क समाप्त करने की घोषणा की है. भारत इस समय कोविड महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और पिछले कुछ दिन के दौरान संक्रमण के तीन लाख से अधिक नए मामले रोजाना आ रहे है. विभिन्न राज्यों के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी के मामले सामने आ रहे हैं.