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महंगाई की मार : सरसों तेल के भाव में भारी उछाल, फलों की कीमत में भी लगी आग

महंगाई की मार : सरसों तेल के भाव में भारी उछाल, फलों की कीमत में भी लगी आग

वाराणसी : कोरोना की मार कहें या प्रचंड गर्मी का प्रकोप खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। खासकर सरसों तेल का भाव तो चढ़ता ही जा रहा है। होली के बाद जो सरसों तेल 150-155 रुपये था, वह 170 से 175 रुपये तक पहुंच गया है। रिफाइंड तेल भी 10 रुपये चढ़कर 160-170 रुपये हो गया है।

वाराणसी के पहाड़िया फल मंडी के थोक कारोबारी बताते हैं कि सरसों तेल का भाव पिछले साल लॉकडाउन के समय से ही चढ़ रहा है। सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 58 रुपये किलो और रबी सीजन में 46.50 रुपये कर दिया। इससे एकबारगी सरसों तेल 90-95 से बढ़कर 120-125 रुपये किलो बिकने लगा। अब खुले बाजार में किसानों को समर्थन मूल्य से ज्यादा मिल रहा है, तो तेल का भाव चढ़ गया है। इसी तरह रिफाइंड ऑयल भी थोक में 160-165 रुपये लीटर हो गया है। इसके अलावा अरहर दाल थोक में 105 से 107 रुपये किलो, मूंग दाल 96 रुपये और चना दाल 68-70 रुपये किलो चल रहा है। चीनी भी थोक में 38.50 रुपये और खुदरा में 39-40 रुपये है। इनकी कीमतों में खास अंतर नहीं आया है।



दूसरी ओर शहर में सब्जियों के दाम सामान्य हैं, लेकिन फल के भाव चढ़ गए हैं। फल बाजार में सेब व अनार का दाम काफी चढ़ गया है। मानगो के फल विक्रेता मुर्शीद बताते हैं कि सेब 200-240 रुपये किलो और अनार 160 रुपये किलो चल रहा है। रमजान से पहले 20-25 रुपये भाव कम था। इसके अलावा केला 35-40 रुपये दर्जन और अंगूर 100-110 रुपये किलो है। सीजन का तरबूज 20 रुपये किलो में हर जगह बिक रहा है।


लॉकडाउन के समय फलों के दाम में और भी वृद्धि देखने को मिलेगा। वैसे, कोरोना संक्रमण के दौरान लोग अधिक से अधिक फलों का इस्तेमाल कर रहे हैं । इसके अलावा मुस्लिम समाज का सबसे बड़ा त्यौहार रमजान चल रहा है। इसमें फलों की बहुत जरूरत होती है। उसी को देखते हुए फलों के दाम में अचानक वृद्धि हुई है।