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जौनपुर : नौ लाख देने के बाद भी नहीं हो सका नदियों का सर्वे, एनजीटी के हस्तक्षेप के बाद बनी थी योजना
जौनपुर । गोमती व सई नदी की सेहत सुधारने के लिए नदियों का सर्वे अभी तक शुरू नहीं हो सका। मनरेगा से कराए जाने वाले इस कार्य का नोडल सिंचाई विभाग को बनाए जाने के साथ ही नौ लाख रुपये सौंप भी दिया गया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई खास पहल नहीं हो सकी है।
ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ रहे असर पर राष्ट्रीय प्राधिकरण (एनजीटी) ने भी चिंता जताई है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार से इसके समाधान पर विचार करने को कहा, जिस पर नदियों का सर्वे कर संकट वाले स्थान को चिन्हित कर उसे सुधारने की योजना बनी। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के साथ ही किनारे-किनारे पौधारोपण की योजना तैयार की गई है। इस मुहिम में ड्रोन कैमरों की मदद ली जानी है। कैमरों के माध्यम से संकट वाले स्थान को चिन्हित कर उसे सुधारने का कार्य किया जाएगा। ड्रोन से आसानी से उन स्थानों की रिपोर्ट ली जा सकेगी, जहां पहुंचना मुश्किल है। 500 मीटर के मध्य दोनों ओर नदियों का सर्वे कराया जाएगा। कैमरों के अलावा सतह पर पहुंचने के लिए टीम के लोग पैदल भी सर्वे करेंगे। सूख रही नदियों व कम होते वृक्षों से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
पांच नदियों का शहर कहे जाने वाले जौनपुर में दो नदियों का चुनाव हुआ है, जिसमें गोमती व सई नदी शामिल है। जिले में गोमती की लंबाई लगभग 120 किमी, जबकि सई 80 किमी है। कुल मिलाकर दो सौ किमी नदियों का सर्वे किया जाना है, लेकिन नौ लाख रुपये देने के बाद भी कार्य की शुरुआत नहीं हो सकी।