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बैंक ने अगर गंदे और कटे फटे नोट लेने से किया इंकार तो अब खैर नहीं, RBI लगाएगा जुर्माना
लखनऊ : 100 रुपये तक की कटी-फटी या गंदी करंसी देने पर नुकसान/ क्लीन नोट पॉलिसी के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए दिशा-निर्देश एक अप्रैल से लागू हो गए हैं. अब गंदे और कटे फटे नोट ग्राहकों को देने पर बैंक को भारी जुर्माना चुकाना पड़ेगा. करंसी चेस्ट में भी अगर गंदा या कटा फटा नोट या जाली नोट मिला तो पेनाल्टी देनी होगी.
मास्टर सर्कुलर में साफ किया गया है कि दंड के खिलाफ बैंक एक महीने के अंदर अपील कर सकते हैं लेकिन जिस स्टाफ ने नियमों का उलंघन किया है वह नया होना, अप्रशिक्षित होना, उनमें जानकारी का अभाव, सुधारात्मक उपाय किए गए हैं या किए जाएंगे जैसे तर्कों पर दंड में छूट नहीं मिलेगी.ऐसी अपीलें खारिज कर दी जाएंगी.
आरबीआई द्वारा जारी गाइडलाइन में सेवाओं में कोताही नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं गंदे या कटे-फटे नोट देने के मामले में दंड की वसूली तत्काल प्रभाव से की जाएगी. सीसीटीवी के काम नहीं करनें और बैंक शाखा में कैश स्ट्रांग रूम से बाहर मिलने पर भी दंड वसूला जाएगा. गंदे नोटों को छांटने के लिए एनएसएम यानी नोट सार्टिंग मशीनों का उपयोग न करने जैसी हर अनियमितता पर 5000 रुपये का दंड भरना होगा. गलती दोहराने पर यह दोगुना यानी 10 हजार होगा.
अगर कोई बैंक गंदे या कटे-फटे नोट बदलने में ना-नुकुर करता है और इस मामले में उसकी पांच शिकायतें हो जाएंगी, उसे तत्काल पांच लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा. सिक्के जमा न करने या न देने पर एक लाख जुर्माना आरबीआई वसूलेगा. जो बैंक शाखा 50 रुपये या उससे कम के नोट लेने से इनकार करेगी, उसे भी जुर्माने की इसी श्रेणी में रखा गया है.