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वाराणसी : बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने से पहले देनी होगी RTPCR रिपोर्ट, गंगा आरती में जाने पर पाबंदी

वाराणसी : बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने से पहले देनी होगी RTPCR रिपोर्ट, गंगा आरती में जाने पर पाबंदी

वाराणसी. बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के कारण अब पर्यटन के सभी रास्ते बंद हो गए हैं. गंगा आरती में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. घाट पर 4:00 बजे के बाद जाना प्रतिबंधित है. बाबा विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा, संकट मोचन और काल भैरव समेत सभी बड़े मंदिरों में दर्शन के लिए 72 घंटे की आरटीपीसीआर रिपोर्ट (RTPCR Report) अनिवार्य कर दी गई है. बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में और मंगला आरती में भी श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित हो गया है. अब सारनाथ समेत सभी पुरातात्विक स्थलों को भी 15 मई तक बंद कर दिया गया है. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने यह फैसला लिया है. इस फैसले के बाबत स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

इसमें सारनाथ पुरातात्विक खंडहर चौखंडी स्तूप समेत स्मारक संग्रहालय लाल खा रौज़ा, मानमहल के गेट बंद कर दिए गए हैं. पिछले साल 17 मार्च से 21 सितंबर तक सभी पुरातात्विक स्थल करीब 88 दिन तक कोरोना संक्रमण के कारण बंद थे. लेकिन हालात सामान्य होने के बाद चरणबद्ध तरीके से इन्हें खोला गया था. अब एक बार फिर गंगा आरती भी सांकेतिक रूप से होने लगी है. केवल एक अर्चक द्वारा गंगा आरती की रस्म निभाई जा रही है. आरती के वक्त आयोजक ही मौजूद रहते हैं. जिस गंगा आरती में घाट से लेकर सीढ़ियों तक पाठकों की भीड़ दिखती थी आज वहां सन्नाटा है. सुनसान घाट हैं. शांत मां गंगा है. खाली नाव हैं और दूर तक फैला वीरान सन्नाटा.


गंगा सेवा निधि से जुड़े आयोजक हनुमान यादव बताते हैं कि पिछली बार भी एक लंबा वक़्त लगा हालात सामान्य होने में, लेकिन हमें विश्वास है कि एक बार फिर मां गंगा और बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से भक्तों के साथ उसी स्वरूप में गंगा आरती होगी. वहीं, पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना मंडी 19 से 24 अप्रैल तक बंद रहेगी. विशेश्वरगंज मंडी वाराणसी किराना व्यापार समिति ने फैसला लिया है. बता दें कि विशेश्वरगंज मंडी से ही पूरे पूर्वांचल में किराने से जुड़ा व्यापार होता है.