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UP : फसल बर्बाद होने के कारण भाव खाता रहा संतरा, अब तो और बढ़ गई डिमांड
आगरा । देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के कारण उत्तर प्रदेेश , महाराष्ट्र , नागपुर , और पुुणेे समेत देश के हर कोने में त्रासदी का माहौल बना दिया है ।
ऐसे में इन राज्यों के फलों और सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी होने से आम आदमी के जेब पर भारी बोझ पड़ गया है। संतरा में विटामिन सी से भरपूर संतरा गुणों की खान है, लेकिन इस बार ये आम लोगों की पहुंच से दूर ही रहा है। जनवरी के दूसरे सप्ताह से संतरे की आवक शुरू हो जाती है, जो मार्च तक चलती है। वहीं शीतगृह में रखा हुआ माल भी अप्रैल के अंत तक चलता है। इस बार फसल खराब हो जाने के कारण 10 फीसद ही आवक हुई है। इस कारण थोक में दाम अधिक रहे तो फुटकर विक्रेता जमकर मनमानी कर रहे हैं।
थोक विक्रेता राजन ने बताया कि संतरे की आवक तीन महीने चलती है और अप्रैल में शीतगृह में रखा माल बाजार करता है। संतरे की आवक महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से होती है। वहां के बाग वालों ने बताया कि इस बार बारिश समय पर नहीं हुई, जिस कारण संतरे के पेड़ों पर फूल जमने में मुश्किल हुई। 90 फीसद तक पेड़ों पर फूल विकसित नहीं हो सका, जिस कारण फल नहीं बना। इस कारण उत्पादन प्रभावित हो गया। थोक विक्रेता शकील ने बताया कि महाराष्ट्र के बाग से डील थी, लेकिन फसल बर्बाद होने की बात कह उन्होंने इस बार सिर्फ एक ट्रक ही माल भेजा। ऐसा दूसरे बाग वालों ने भी किया है। इस कारण थोक बाजार में भी संतरे पर महंगाई रही। वहीं फुटकर बाजार में तो 80 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक ठेल वाले संतरा बेच रहे हैं।
इस बार संतरे की फसल खराब हो जाने के कारण आवक प्रभावित रही। थोक में 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम आवक हुई। हर बार प्रतिदिन आठ ट्रक रोज आते थे, लेकिन इस बार एक गाड़ी रोज की आवक भी नहीं हुई।