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वाराणसी: अस्पतालों में संसाधनों को लेकर चल रही मारामारी के बीच मलदहिया लोहा व्यापार मंडल ने राहत देने वाली की पहल।
वाराणसी। अस्पतालों में संसाधनों को लेकर चल रही मारामारी के बीच मलदहिया लोहा व्यापार मंडल ने राहत देने वाली पहल की है। इस व्यापार मंडल के सदस्य अपने प्रयासों से ताइवान से 10 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीन मंगवा रहे हैं। ये मशीनें कोरोना पीड़ितों को नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। व्यापार मंडल के अनुसार, एक मशीन की लागत लगभग 65 हजार रुपये आई है। ताइवान से मशीनें देश में आ चुकी हैं। वे दो दिनों के अंदर बनारस भी पहुंच जाएंगी। एक पदाधिकारी ने बताया कि विगत कुछ दिनों से अस्पतालों और घरों में ऑक्सीजन सिलेंडर की दिक्कतों को देखते हुए यह पहल की गई है। ऐसी कुछ और मशीनों को मंगाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि देश के प्रमुख शहरों में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की कमी हो गई है। इस कारण ताइवान से मंगानी पड़ी है।
व्यापारियों का कहना है कि यदि प्रशासन ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर निर्माता या आपूर्तिकर्ता कंपनियों से रेट तय करवा दे तो बनारस में कई व्यापारी संगठन इसे मंगा सकते हैं। अभी इनकी सही रेट में उपलब्धता में दिक्कतें आ रही हैं। मलदहिया लोहा व्यापार मंडल की तरह शहर के कुछ दूसरे व्यापारी संगठनों ने भी ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर और अन्य जरूरी उपकरण मंगाने का निर्णय लिया है। अभी वे अपने योगदान का खुलासा करने को तैयार नहीं हैं। उनसे जुड़़े एक पदाधिकारी ने कहा कि कुछ शुरुआत हो जाय तब चर्चा करेंगे।
ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पोर्टेबल ट्राली, कंप्यूटर या वाटर प्यूरीफायर के आकार की मशीन होता है जो घर या बाहर की सामान्य हवा से ऑक्सीजन पैदा करता है।ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उन जगहों पर ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं जहां लिक्विड ऑक्सीजन या प्रेशराइज्ड ऑक्सीजन इस्तेमाल करने की सुविधा न हो या फिर ऐसा करना खतरनाक हो। जैसे बहुत सारे छोटे अस्पतालों या नर्सिंग होम या छोटे क्लीनिक। कोरोना के मामलों में यह होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए बहुत मददगार है।
ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर सांस की तकलीफों वाले मरीजों के लिए घर या बाहर की हवा से ऑक्सीजन जनरेट करता है. कंसन्ट्रेटर प्रेशर स्विंग एब्जॉर्ब्शन तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. प्राकृतिक हवा का 21 फीसदी हिस्सा ही ऑक्सीजन होता है। 78 फीसदी हिस्सा नाइट्रोजन और शेष हिस्से में अन्य गैस होती हैं। ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर सामान्य हवा से नाइट्रोजन को अलग करता है और ऑक्सीजन की अधिकतम मात्रा वाले गैस को बाहर निकालता है। मरीज एक ट्यूब के जरिए इसका इस्तेमाल सांस लेने में करते हैं।
ऑक्सीजन सिलेंडर और रीफिलिंग की तुलना में यह सस्ता, सुरक्षित व सुविधाजनक विकल्प है। कंसन्ट्रेटर ऑक्सीजन के नए मॉलिक्यूल्स नहीं बनाते, बल्कि सामान्य हवा में से ही नाइट्रोजन को अलग कर देते हैं ताकि उसमें ऑक्सीजन बची रहे। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन 99 फीसदी तक शुद्ध होते हैं। जबकि कंसन्ट्रेटर 93 से 95 फीसदी तक शुद्ध ऑक्सीजन देता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, हल्के और मध्यम लक्षणों वाले उन कोरोना मरीजों के लिए कंसन्ट्रेटर बेहतर विकल्प है। जिन मरीजों में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 85 फीसदी या ज्यादा हो। 85 से लेवल नीचे जाने पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की ही सलाह दी जाती है।