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वाराणसी : झमाझम बरसात ने कहीं दी राहत तो कहीं आफत, गेहूं की फसल को नुकसान
वाराणसी । वाराणसी सहित पूर्वांचल में शुक्रवार की सुबह आसमान में बादलों का डेरा एवं बूंदाबांदी से काशी में मौसम सुहाना हो गया। एक बार तो लगा कि तेज बारिश होगी, लेकिन सुबह नौ बजे के बाद फिर से धूप निकल आई। इसके कारण उसम भरी गर्मी और बढ़ गई। इससे पहले लगातार कई दिनों से बढ़ी गर्मी से गुरुवार की शाम को थोड़ी राहत मिली। बंगाल की खाड़ी से आई चक्रवाती हवा से एक ओर जहां मौसम खुशनुमा हो गया है वहीं आंधी के कारण बिजली व्यवस्था भी हिल गई। हर आधे-एक घंटे में बिजली की आवाजाही होती रही। इसके कारण लोगों को बिजली-पानी के लिए परेशान होना पड़ा।
बारिश की वजह से कहीं खेतों में राहत बरसी तो कहीं बारिश आफत बनकर बरस रही है। गेहूं की खलिहान में पड़ी फसल को अधिक नुकसान पहुंचा है तो दूसरी ओर खेतों में खड़ी फसल अब दोबारा सूखने के बाद ही काटने के योग्य होगी। मौसम विभाग ने हालांकि अधिक बारिश की संभावनाओं को खारिज किया है।
गुरुवार की रात से ही आसमान में काले बाद एवं बूंदाबांदी देख किसानों के माथे पर चिंता हो गई थी। कारण इससे गेहूं की खड़ी एवं कटी फसल को नुकसान होता है। हालांकि, स्थिति सामान्य होने से थोड़ी राहत की सांस ली। इससे पहले अधिकतम तापमान की स्थिति बुधवार के जैसे ही रही। हालांकि न्यूनतम तापमान बढ़ने से रात में भी गर्मी बढ़ गई थी।
कारण न्यूनतम तापमान करीब एक डिग्री बढ़कर 24 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। गुरुवार को भी दिरभर उसम भरी गर्मी से लोग परेशान रहे। शाम को तेज हवा शुरू हो गई। कई जगह धूल भरी आंधी एवं हल्की बूंदाबांदी भी हुई। इसके कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गईं थी।
राहत की बात है कि शुक्रवार से फिर से स्थित सामान्य होने की उम्मीद है। मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं कि कई दिनों से पुरवा हवा चल रही थी।
गुरुवार को अचानक ही आसमान में उत्तर-पश्चिमी हवा चलने लगी। इसके आपस में टकराने से बंगाल की खाड़ी में चक्रवात आ गया, इसके कारण चक्रवाती हवा भी आई। उन्होंने बताया कि आगे चलकर मौसम सामान्य होगा। उधर, तेज हवा के कारण नदेसर, कचहरी, चौकाघाट, कैंट स्टेशन, विद्यापीठ, सिगरा, छित्तूपुर आदि क्षेत्रों में खूब बिजली कटौती हुई। कई जगह तार टूट गए तो कई जगह जंफर भी उड़ गए थे। हालांकि गनीमत रही कि मौसम में नमी होने के कारण गर्मी से राहत मिली।