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वाराणसी: दो दिन की लॉकडाउन के बाद सोमवार कैंट रेलवे स्टेशन पसरा सन्नाटा।
वाराणसी। दो दिन की बंदी के बाद सोमवार को बाजार खुले, लेकिन रेलवे स्टेशनों का दृश्य डराने वाला था। पिछले साल लॉकडाउन के समय जैसा सन्नाटा पसरा हुआ था। अंतर यही था कि ट्रेनें तो चल रही थीं। लेकिन यात्री के नाम पर प्लेटफार्म पर दूर-दूर बैठे एक-दो यात्री थे। सर्कुलेटिंग एरिया हो या मुख्य यात्री हाल, लोग बहुत कम नजर आ रहे थे। उधर आरक्षण केंद्र में काउंटर पर दो-चार की संख्या में ही लोग थे। वे भी ट्रेनों के जनरल कोच में सीटें आरक्षित कराने के लिए पहुंचे थे।
दोपहर साढ़े तीन बजे कामायनी प्लेटफार्म नंबर सात पर लगी थी। लेकिन यात्रियों के नाम पर हर कोच में सीटों पर इक्का-दुक्का यात्री थे। अब वाराणसी से महानगरों के लिए जाने वाली ट्रेनों में बमुश्किल 100 से 150 यात्री ही मिल पा रहे हैं। ट्रेनें खाली जा रही हैं। चाहे वंदेभारत हो या फिर मुंबई, अहमदाबाद, देहरादून या अन्य शहरों के लिए चलने वाली ट्रेनें। सबकी हालत खस्ता है। अब महानगरों से लौटने वाली भीड़ भी सामान्य हो गई है।
गर्मी के इस सीजन में कभी कैंट स्टेशन पर 24 हजार बोतल तक रेल नीर की खपत थी। अब चार से पांच सौ ही बिक रहे हैं। यात्री डरे हुए हैं, लोग न कुछ खरीदना चाहते हैं। ना ही स्टाल से खाना चाहते हैं। फूड स्टाल संचालकों को लागत निकलना मुश्किल हो गया है। यहां दो रेलवे के स्टाल हैं। जबकि पांच लाइसेंसी स्टाल संचालित हैं। आईआरसीटीसी का एक फूडप्लाजा व भोजनालय है। सभी जगह खरीदार नहीं हैं।