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Orange eyed owl
125 साल बाद दिखा नारंगी आंखों वाला उल्लू, देखते ही भूत समझकर डरने लगे लोग
अनोखी दास्तान : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने इंसानों को बुरी तरीके से त्रस्त कर रखा है. इससे बचने के लिए कई देशों की सरकारों ने अपने-अपने यहां लॉकडाउन लगा रखा है, लेकिन फिर भी महामारी समूचे विश्व के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. एक तरफ जहां लोग इसे प्रकृति का बदला कह रहे हैं, तो वही दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि ये प्रकृति का खुद को हील करने का तरीका है.
इस महामारी की वजह से प्रदूषण में भारी कमी देखने को मिली है. ऐसे में कई प्रजाति के जीव-जंतु एक फिर से नजर आने लगे हैं. जिन्हें लोगों ने एक समय विलुप्त मान लिया था. आज इसी कड़ी में हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे 125 साल पहले देखा गया था.
जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने हम बात कर रहे हैं नारंगी आंखों वाले प्रजाति के राजह स्कोप्स उल्लू कहा जाता है कि जंगलों की कटाई, और क्लाइमेट चेंज के कारण उल्लू की यह प्रजाती खत्म हो गई थी. लेकिन अब फिर से इन उल्लुओं के मिलने से वैज्ञानिक उत्साहित है.
इन उल्लू का बॉडी स्ट्रक्चर (Body Structure) और लुक के कारण अन्य उल्लूओं से काफी अलग होते हैं. इतना ही नहीं इसके रहने का तरीका दूसरे उल्लूओं से काफी अलग होता है. इन उल्लुओं को 1892 में रिचर्ड बोडलेर शार्प ने डिस्क्राइब किया था कि कभी दुनिया में नारंगी आंखों वाला उल्लू हुआ करता था.
इस उल्लू के शरीर पर खास तरह के धारियां बनी हुई हैं और इसका पर्यावास भी अलग तरह का है. शोधकर्ताओं का अनुमान है कि यह नई तरह की प्रजाति है और इसके संरक्षण की जरूरत है. आपकी जानकारी के लिए इसका नाम मलेशिया के राजा के नाम पर रखा गया था. रिसर्चर्स ने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि कभी फिर से ये उल्लू देखने को मिलेंगे. लेकिन ऐसा 125 साल बाद हो पाया. वैज्ञानिक अब इन उल्लुओं पर आगे शोध कर पता लगाएंगे कि इतने सालों तक छिपे थे?