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कानपुर : नगर निगम की 15 सदस्यीय कमेटी गंगा में शवों के प्रवाह पर रखेगी नजर

कानपुर : नगर निगम की 15 सदस्यीय कमेटी गंगा में शवों के प्रवाह पर रखेगी नजर

कानपुर । कोरोना वैश्विक महामारी से होने वाली मृत्यु पर आर्थिक संकट से परेशान लोग शव का अंतिम संस्कार की जगह नदियों में प्रवाहित करने को मजबूर है। टू यूके नदियों का जल दूषित हो रहा हैे। इसको देखते हुए शासन के निर्देश पर कानपुर में महापौर ने नगर निगम अफसरों के साथ 15 सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी नदियों में शवों के प्रवाहित होने से रोक लगाएगी। इसी क्रम में मंगलवार को नगर निगम में बैठक की गई और अफसरों ने घाटों पर अपने खर्च पर गोताखोरों को निगरानी के लिए रखने और पैसे न होने पर पांच हजार रुपये अंतिम संस्कार के लिए जरुरतमंद को दिए जाने का निर्णय लिया है। कोरोना काल के दौरान नदियों में शवों को प्रवाहित किया जा रहा है। इससे नदियां दूषित हो रही हैं। बीतें दिनों जनपद के शिवराजपुर स्थित खेरेश्वर घाट के बाद सोमवार को शहर के बीचो-बीच परमट घाट पर भी दो शव गंगा नदी में उतराते पाए गए थे। मामले को संज्ञान लेते हुए आज इस तरह से गंगा को दूषित करने वालोंं से सख्ती से निपटने की रणनीति बनाई गइ है। महापौर व नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने निर्णय लिया है कि शवों को गंगा में प्रवाहित न किया जाए, इसके लिए जागरुकता की अपील के साथ अंतिम संस्कार के लिए जरुरतमंद, परेशान व पैसे न होने वालों को पांच हजार रुपये नगर निगम देगा और अंतिम क्रिया विधि विधान से कराया जाएगा। इसका लाभ बीपीएल कार्ड धारकों को भी मिलेगा। इसके बावजूद भी अगर कोई गंगा में शव प्रवाह करता पाया जाता है तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा। घाटों पर निश्चित राशि देरकर गोताखोरों को 24 घंटे तैनात किया जाएगा। साथ ही नाविकों से भी हिदायत दी जाएगी कि चोरी—छुपे शव को लाने वालों की जानकारी दे और नदी में शव बहाने में उनकी मद्द कतई न की जाए। महापौर ने जनपद वासियों से अपील कर कहा कि कोविड महामारी में किसी भी ऐसे परिवार जिनके किसी अपने की मृत्यु हो जाती है, उनसे नगर निगम कानपुर पूरी संवेदना रखता है। 

उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है ऐसे लोगों के अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था की गई है। अंतिम क्रिया पूरे विधि—विधान से हो इसके लिए हमारे अफसरों की कमेटी बनाई है जो हर वक्त अपनी पूरी मद्द करेगी। बनाई गई कमेटी में यह लोग हैं शामिल महापौर प्रमिला पांडेय की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इसमें नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी संयोजक व सचिव होंगे। अफसरों में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय संखवार, मुख्य अभियंता (सिविल) एसके सिंह व मुख्य अभियंता (यांत्रिक) आरके पाल सदस्य है। पार्षद कैलाश पांडेय, यशपाल सिंह, अमोद त्रिपाठी, विकास जायसवाल, अजीत, शरद मिश्रा, राशिद महबूब, मनोज कुमार पांडेय, मदन बाबू, कीर्ति अग्निहोत्री व सौरभ देव समिति में शामिल किए गए हैं।

 बताते चलें कि, शासन ने सभी नगर आयुक्तों को कमेटी बनाकर नदियों में शवों को प्रवाह करने व तटों पर दफन किए जाने पर पूरी तरह से रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए, इसके लिए नगर आयुक्त व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। 

समिति को ख्याल रखना होगा कि कोरोना संक्रमित शवों का कोविड प्रोटोकाल के तहत नि:शुल्क अंतिम संस्कार कराया जाए। खर्च का वहन अपने-अपने स्रोत से करना होगा। यह भी तय किया है कि किसी भी व्यक्ति से घाटों व अन्य जगहों पर अंतिम संस्कार में आने वाला खर्च पांच हजार रुपये से अधिक न हो, इसका भी पूरा ख्याल रखने के निर्देश दिए हैं