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महाराष्ट्र : ब्लैक फंगस के 2,000 मरीज, अब अलग से होगी गिनती

महाराष्ट्र : ब्लैक फंगस के 2,000 मरीज, अब अलग से होगी गिनती

महाराष्ट्र . स्वास्थ्य विभाग ने म्यूकरमाइकोसिस के मामलों, जो मुख्यत: कोविड-19 मरीजों में मिल रहे हैं, उनका अलग आंकड़ा संकलन करने का फैसला किया है. अधिकारियों ने बताया कि इसके प्रसार के कारण का पता लगाने और इससे निपटने का आकलन करने के लिए आंकड़ें संकलित किए जाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि इस दुर्लभ लेकिन गंभीर फंगल संक्रमण से पड़ोस के ठाणे में हाल में कोविड-19 के दो मरीजों की मौत हो गई थी, जबकि मुंबई और पुणे में ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं.

चिकित्सकों के मुताबिक, म्यूकरमाइकोसिस जिसे ब्लैक फंगस के तौर पर भी जाना जाता है, यह सबसे ज्यादा उन कोविड-19 मरीजों में मिल रहा है जिन्हें मधुमेह है. इसके लक्षणों में सिर दर्द, बुखार, आंखों के नीचे दर्द, नाक में कंजेशन और आंशिक तौर पर दिखना कम हो जाना शामिल है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मंगलवार को कहा कि राज्य में फिलहाल म्यूकरमाइकोसिस के करीब 2,000 मरीज हैं और ज्यादा से ज्यादा कोविड-19 के मामले सामने आने के बाद, “उनकी संख्या निश्चित तौर पर बढ़ेगी.”

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने बुधवार को कहा कि करीब 111 मरीज, (सभी कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले) यहां के अस्पतालों में म्यूकरमाइकोसिस का इलाज करा रहे हैं. राज्य स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ अर्चना पाटिल के मुताबिक, इससे पहले म्यूकरमाइकोसिस का कोई नियमित स्वास्थ्य प्रबंधन नहीं था, हालांकि यह कुछ हिस्सों में इसके मामले मिले थे.


पाटिल ने बुधवार को कहा कि लेकिन महाराष्ट्र स्वास्थ्य अधिकारियों ने अब राज्य में ऐसे मामलों की विस्तृत रिपोर्ट बनाने का फैसला किया है और इसके संबंध में दिशा-निर्देश जल्द ही सभी जिलों को जारी कर दिए जाएंगे.

अधिकारी ने कहा, “एक बार ऐसे आंकड़ें संकलित कर लिए जाते हैं तो हमें फंगल संक्रमण के प्रसार के कारण और इसके इलाज के बारे में कुछ समझ आ जाएगा. हम इसके प्रसार के आधार पर कुछ दवाइयां आवंटन और जरूरी मार्गदर्शन उपलब्ध करा सकते हैं.” स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, राज्य में म्यूकरमाइकोसिस के मामले बढ़ रहे हैं, खासकर कोविड-19 मरीजों में
पाटिल ने बुधवार को कहा कि लेकिन महाराष्ट्र स्वास्थ्य अधिकारियों ने अब राज्य में ऐसे मामलों की विस्तृत रिपोर्ट बनाने का फैसला किया है और इसके संबंध में दिशा-निर्देश जल्द ही सभी जिलों को जारी कर दिए जाएंगे.