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बलिया : सोहांव गांव में एक माह में 29 मौतों से पसरा सन्नाटा

बलिया : सोहांव गांव में एक माह में 29 मौतों से पसरा सन्नाटा

बलिया l सोहांव गांव में बीते एक महीने के अंदर तीस मौतों से लोगों में दहशत फैल गई है। कोरोना के लक्षणों से हुई इन मौतों के बाद भी गांव में पर्याप्त सैनिटाइजेशन व कांटेक्ट ट्रेसिंग ठीक से नहीं होने पर ग्रामीण गुस्से में हैं। जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर सोहांव ब्लॉक मुख्यालय से सटे ही सोहांव गांव है। गांव के युवाओं में खेलों के प्रति जुनून है। खासकर वाॅलीबाल खेल में गांव के दर्जनों युवाओं ने बड़े स्तर पर छाप छोड़ी है। मगर इस गांव को किसी की नजर लग गई है। 

गांव की गलियों में पसरा मातमी सन्नाटा ग्रामीणों का दावा है कि लगभग चार हजार की आबादी के इस गांव में बीते 18 अप्रैल के बाद से ही एक के बाद एक 29 लोगों की मौतें हुई है। गांव की गलियों में मातमी सन्नाटा पसरा है। लोग अपने घरों से बाहर कदम निकालने में डर रहे हैं। शायद ही कोई गली बची होगी जिसमें किसी न किसी घर में एक मौत न हुई हो। मरने वाले इन लोगों में अधिकांश नौजवान हैं। सबको पहले बुखार व खांसी आई और इसके बाद ऑक्सीजन लेवल घटा, फिर मौत हो गई। हालात यह हैं कि अकेले गांव के पूर्व प्रधान गिरिजा राय के परिवार में ही तीन लोग कोरोना के लक्षणों से बीमार होकर मरे हैं। पहले इस परिवार के लल्लन राय की कोरोना लक्षणों से मौत हुई। 

फिर गिरिजा राय पुत्र राजू राय की भी कोरोना के लक्षणों के बाद मौत हुई। जबकि उनके परिवार में एक महिला ने भी दम तोड़ दिया। जिसके बाद से इस परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वहीं, गांव के युवा रामाचारी राय ने भी आजमगढ़ पीजीआई में दम तोड़ा। छिन गईं गांव की खुशियां, शादियों में नहीं बज रहे लाउडस्पीकर सोहांव गांव के कई ऐसे लोग देश के दूसरे शहरों में रहते हैं।

 जिन्होंने इस दौरान बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ के बाद दम तोड़ा है। गांव के लगभग हर टोले में हुई मौतों से गांव के लोगों की खुशियां छिन गई हैं। पड़ोसी के यहां गम के कारण इस गांव में होने वाली शादियों में लाउडस्पीकर भी नहीं बजाए जा रहे हैं। सेनेटाइजेशन और कांट्रेक्ट ट्रेसिंग ठीक से न होने से ग्रामीण नाराज गांव के निवासी रमेश राय 'मंटू' ने बताया कि 18 अप्रैल के बाद से 29 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। कहा कि हम लोगों ने ऐसे लोगों की सूची बनाई है। रमेश राय यह भी बताते हैं कि दस-बारह तो ऐसे लोग मरे हैं जो दूसरे जगहों पर रहते हैं।

 यदि उन्हें जोड़ दिया जाए तो कोरोना जनित लक्षणों से मरने वालों की संख्या 40 पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही मौतों के बाद भी जिला प्रशासन ने दिखावे के लिए सिर्फ दर्जन भर घरों का सैनिटाइजेशन कराकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लिया। रमेश ने कहा कि जब तक पूरे गांव का सैनिटाइजेशन नहीं होगा, हालात नहीं सुधरने वाले।

 इतनी मौतों के बाद भी कांट्रेक्ट ट्रेसिंग भी ठीक से नहीं हुई। सभी मौतें कोरोना से नहीं हुईं : सीएमओ डाॅ. राजेंद्र प्रसाद ने सोहांव में हो रही मौतों पर कहा कि स्थानीय पीएचसी के मेडिकल ऑफिसर के अनुसार कोरोना से सिर्फ एक या दो मौतें हुई हैं। दो दिन पहले पचास लोगों की सैम्पलिंग हुई है। आज यानी सोमवार को भी मेडिकल टीम गांव में जाएगी। कोरोना से मरने वालों की जो 29 लोगों की सूची बतायी जा रही है। उसे वेरिफाई कराने के निर्देश दिए गए हैं।