कानपुर. देश में फैली कोविड महामारी की दूसरी लहर ने देश के अधिकांश राज्यों में स्वास्थ्य विभाग को हिला कर रख दिया. कहीं अस्पतालों में बेड की कमी से तो कहीं ऑक्सीजन की किल्लत से लोग झूझते नजर आए. जिसके चलते कुछ को अपनी जान तक गवानी पड़ी. देश और दुनिया के स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा कोरोना की तीसरी लहर के भारत में आने की दी गई चेतावनी ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी हैं. इसी को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों को पहले से तैयार रहने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने सीएम योगी आदित्यनाथ हर संभव प्रयास कर रहे हैं. बावजूद इसके कानपुर देहात के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाह कार्यशैली से स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल दिख रही हैं. कानपुर देहात की आबादी के सापेक्ष स्वास्थ्य सेवाएं पर्याप्त नहीं दिख रही हैं. जिसके चलते कानपुर देहात के जिलाधिकारी स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर सीएमओ से खासे नाराज दिख रहे हैं. समय पर स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने की कड़ी चेतावनी जारी की है.
दरअसल, कोरोना महामारी के दौर में या अन्य गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए जनपद कानपुर देहात की 20 लाख की आबादी को मात्र 55 एम्बुलेंसों के भरोसे रखा गया है. जिनमें से 6 एम्बुलेंस खुद ही बीमार दिख रही हैं. इन 55 एम्बुलेंसों मे से 15 कोविड डियूटी कर रही हैं. कानपुर देहात के विशाल ग्रामीण क्षेत्रों के साथ इनकी जिला मुख्यालय में बने जिला अस्पताल से दूरी उस पर 20 लाख की आबादी में मात्र 55 एम्बुलेंस से कैसे कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला किया जाएगा यह चिंता का विषय बना हुआ है.
जिला अस्पताल से लेकर जनपद के सीएचसी और पीएचसी में खराब एम्बुलेंसों का अंबार लगा हुआ है. केवल जिला अस्पताल में ही दर्जनों की संख्या में खराब एम्बुलेंस खड़े-खड़े कबाड़ हो रही हैं. मात्र 108 एम्बुलेंस सेवा की 24, 102 एम्बुलेंस सेवा की 28 और 3 एएलएस एम्बुलेंस को जनपद की 20 लाख की आबादी के लिए रखा गया हैं. वहीं इतनी भारी मात्रा में खराब पड़ी एम्बुलेंसों को नियमानुसार जिले के स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी न तो समय रहते नीलाम करवाने की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं और न ही एम्बुलेंसों की संख्या जनपद में और बढ़ाने के लिए अन्य कोई कदम उठा रहे हैं. वहीं 102 और 108 एम्बुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर की मानें तो जनपद में जो भी खराब एम्बुलेंस खड़ी हैं, उनको सरकार की गाइड लाइन के अनुसार खड़ा किया है. उनकी जगह अब नई एम्बुलेंस ने ले ली है. इन खराब एम्बुलेंसों को जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सुपुर्द कर दिया गया हैं. अब इनकी नीलामी की प्रक्रिया उनके माध्यम से होगी.