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बिहार: कोरोना के बाद अब बढ़ रहा ब्लैक फंगस का खतरा, आज मिले 6 नए मरीज, जानें इसके लक्षण
पटना । कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। शुक्रवार को सूबे के विभिन्न जिलों से ब्लैक फंगस के छह और नए मरीज सामने आए। इनमें पटना एम्स में दो तथा बोरिंग रोड स्थित वेल्लोर ईएनटी सेंटर में तीन मरीज शामिल हैं। इसके अलावा सासाराम के एक मरीज को कैमूर जिले के कुदरा स्थित रीना देवी मेमोरियल कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
पटना एम्स में भर्ती दोनों मरीजों में एक पटना तथा दूसरा मुजफ्फरपुर का है, जबकि वेल्लोर ईएनटी सेंटर में आए तीनों मरीजों में औरंगाबाद, पटना और बक्सर के शामिल हैं। वेल्लोर ईएनटी सेंटर में ब्लैक फंगस से पीड़ित तीनों मरीजों का सफल ऑपरेशन डॉ. गौरव आशीष ने किया। इसके बाद तीनों मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया।
इस प्रकार बीते तीन दिनों में अब तक बिहार के विभिन्न जिलों से ब्लैक फंगस के कुल 16 मरीज सामने आये हैं। एम्स में कुल छह मरीज इलाज करा रहे हैं। शुक्रवार को एम्स में जो दो नए मरीज सामने आये, वे कोविड से संक्रमित थे। इनमें एक लंबे समय तक दूसरे अस्पताल में भर्ती था। एक के चेहरे पर सूजन है और आंख की रोशनी चली गई। दूसरा मरीज भर्ती होने के बावजूद बेहोशी की स्थिति में है।
बिहार में अब ब्लैक फंगस के 16 मरीज हो गए हैं। प्रत्येक दिन ब्लैक फंगस के एक या दो केस सामने आ रहे हैं। पटना एम्स के कोविड नोडल पदाधिकारी डॉ.संजीव कुमार ने बताया कि ब्लैक फंगस के शिकार एक मरीज को उसका ब्रेन भी पकड़ लिया हैं। वहीं अभी तक पटना एम्स में अब ब्लैक फंगस के छह मरीज, आईजीआईएमएस में दो, रूबन में दो और पारस में दो मरीज मिल चुके हैं।
डॉक्टर की सलाह से ही स्टेरॉयड की नियंत्रित डोज लें
एम्स के डॉ.संजीव कुमार का कहना है यह एक फंगल संक्रमण है। यह तभी लगता है जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो। कोई लंबे समय से बीमार हो या लंबे समय से अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हो या वेंटिलेटर पर लंबे समय से हो। अगर शरीर काफी कमजोर होगा तो यह फंगस नाक, चेहरा,गला, आंख और ब्रेन को पकड़ लेता हैं।
कोविड के इलाज में स्टेरॉयड दवा काफी कारगर है लेकिन लोगों को इसका उपयोग सिर्फ डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए। लोग अपने मन से स्टेरॉयड दवा अनियंत्रित रूप से लेते हैं। खासकर जो पहले से कैंसर, शुगर, किडनी या लंबे से किसी बीमारी से ग्रसित हैं वैसे मरीजों को तो बेहद सावधानी की जरूरत हैं। कोविड संक्रमण के दौरान शरीर काफी कमजोर हो जाता है। बिना डॉक्टर की सलाह से स्टेरॉयड दवा का दुरुपयोग करते हैं। जल्दी ठीक होने के चक्कर में लोग अनियंत्रित डोज ले लेते हैं।
चेहरे, दांत, आंख, नाक और सिर में दर्द रहना। नाक से पानी आना और खून निकलना। नाक में काला पपड़ी जमना, आंख में सूजन,लालिमा आना, रोशनी कम होना या चला जाना, आंख का बाहर निकल जाना।