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कोरोना संकट में भारत के लिए मददगार साबित हो रहे अमेरिकी भारतीय, बाइडन प्रशासन पर भी बनाया दबाव
नई दिल्ली । भारत इन दिनों कोरोना संकट से जूझ रहा है। संकट की इस घड़ी में दूसरे देशों से काफी मदद मिल रही है। विदेशों से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीमीटर जैसे मेडिकल उपकरणों और जीवन रक्षक दवाइयों का आने का सिलसिला आज भी जारी है। संकट की इस घड़ी में दूसरे देश में रह रहे भारतीय मूल के लोगों ने भी दिलेरी दिखाई है। इसमें भारतीय-अमेरिकी नागरिक सबसे आगे हैं।
अमेरिका में भारतीय मूल के लोग कोविड संकट में फंसे अपने देश के लिए सहायता पहुंचाने में अहम कड़ी साबित हो रहे हैं। भारतीय अमेरिकी नागरिकों के संगठन अमेरिकी प्रशासन पर सहायता के लिए दबाव बना रहे हैं। बिजनेस जगत से संपर्क कर ज्यादा से ज्यादा सहायता भेजने की कोशिश हो रही है। वहीं, बड़ी संख्या में डॉक्टर ऑनलाइन परामर्श में भी सहायता प्रदान कर रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी भारतीय, यूएस प्रशासन और कारपोरेट की तिकड़ी एक साथ भारत को सहायता प्रस्तावों पर काम कर रही है। शुरू में अमेरिकी मदद में हो रही देरी पर अड़चनों को दूर करने में भी इस समुदाय की खास भूमिका रही। त्वरित सहायता के लिए समुदाय का असर काम आया है। कारपोरेट जगत को भारत में जल्द हालात ठीक न होने पर यहां अपने निवेश को लेकर भी चिंताएं हैं।
वेंटिलेटर भेजने में भारतीय अमेरिकियों की बड़ी भूमिका
गौरतलब है कि भारतीय-अमेरिकी संगठनों ने कोविड-19 से निपटने में भारत की मदद करने के लिए लाखों डॉलर एकत्रित किए हैं। ‘अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन’ ने 2.5 करोड़ डॉलर, ‘सेवा इंटरनेशनल’ ने 1.7 करोड़ डॉलर और ‘इंडियास्पोरा’ ने 25 लाख डॉलर एकत्र किए। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर भेजने में भारतीय अमेरिकियों की बड़ी भूमिका है। सहायता भेजने वाले संगठन तारतम्यता से काम कर रहे हैं। लेकिन सूत्र मानते हैं कि इस बार वहां का समुदाय भारत में मौजूदा सरकार के समर्थन और विरोध में बंटा हुआ है। बहुत से लोग हैं जो मौजूदा सरकार की कोविड नीतियों से सहमत नही हैं। हालांकि सहायता के लिए साझा प्रयास जारी हैं।