Covid-19
कोरोना वैक्सीन सुरक्षित, लगवाने वाले अधिकांश लोग घर पर ही रहकर हो गए ठीक
नई दिल्ली । वर्ष 2020 के तुलना में इस वर्ष कोरोना संक्रमण निश्चित रूप से 21 साबित हुआ है। इस बार खास बात यह रही कि वैक्सीन की डोज लेने वाले अधिकांश लोग जो संक्रमित हुए, वह सभी घर पर ही रहकर ठीक हो गए। सिर्फ कुछ लोगों को ही आक्सीजन या आइसीयू में रखना पड़ा। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद जो दो-चार मौतें हुईं, वह ऐसे लोगों की थीं जिनमें पहले से कोई गंभीर बीमारी थी। जिनका शुगर बेहद अनियंत्रित था। जिन्हें पहले से हार्ट, किडनी, कैंसर इत्यादि की समस्या थी। इसके अलावा अन्य कोई भी मौत ऐसी रिकार्ड नहीं हुई, जो वैक्सीन लगवाने के बावजूद हो गई हो। इसलिए विशेषज्ञ वैक्सीन को सुरक्षित बता रहे हैं। जिसको मौका मिले, उसे लगवा लेना चाहिए।
पिछली बार की अपेक्षा स्वास्थ्य कर्मियों में इस बार करीब 30 से 40 फीसद संक्रमण ज्यादा हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार गंभीरता वैक्सीनेशन के चलते बहुत कम हुई है। कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद अभी तक तीन डाक्टरों की मौत संज्ञान में है। उसमें से एक डाक्टर केजीएमयू के जो अभी 35 वर्ष से कम के थे, वहीं लोहिया कोविड अस्पताल में भर्ती दो अन्य डाक्टरों की भी वैक्सीन लेने के बावजूद कोरोना से मौत हुई। इनमें से एक डाक्टर 50 वर्ष के व दूसरे करीब 67 वर्ष के थे। एक डाक्टर दोनों डोज लेने के करीब डेढ़ माह बाद संक्रमित हुए थे। वहीं दूसरे ने केवल एक डोज ली थी। इनमें से एक डाक्टर दूसरे जिले के थे। डा. रामसागर मिश्र अस्पताल के सीएमएस डा. वीके सिंह की हाल में मौत हो गई।
उन्हें वैक्सीन लगी थी, मगर वह अनियंत्रित शुगर की बीमारी से ग्रस्त थे। इसके अलावा वैक्सीन की डोज लेने वाले अन्य डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ में से सिर्फ दो से पांच फीसद लोगों को ही भर्ती करना पड़ा। उसमें से भी ज्यादातर लोग मध्यम लक्षणों के थे, जिन्हें कुछ ही दिनों में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अन्य लोग होम आइसोलेशन में ही स्वस्थ हो रहे हैं।