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कानपुर : नाबालिग बेटी समेत प्रेमी को कुल्हाड़ी से काटकर की नृशंस हत्या

कानपुर : नाबालिग बेटी समेत प्रेमी को कुल्हाड़ी से काटकर की नृशंस हत्या

कानपुर । आउटर अंतर्गत आने वाले घाटमपुर थाना क्षेत्र में उस समय सनसनी फैल गई, जब प्रेम-प्रसंग में पिता ने अपनी बेटी समेत प्रेमी को मौत के घाट उतार दिया। इस दौरान मृतक किशोर के माता-पिता खिड़की से उसे छोड़ने की मन्नतें करते रहें लेकिन लड़की के पिता पर तो खून सवार था। नृशंस दोहरे हत्याकांड की सूचना पर मौके पर पहुंची, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए कार्रवाही शुरु कर दी है। घाटमपुर के पतारा चौकी इलाके में आने वाले बिराहिनपुर गांव निवासी ट्रक चालक शिवआसरे के चार बच्चे हैं। जिसमें 16 वर्षीय सबसे बड़ी बेटी सपना थी।

 उसका पास के गांव में रहने वाले बैजनाथ के इकलौते बेटे शालू उर्फ कल्लू 17 साल से करीब दो साल से प्रेम संबंध थे। अक्सर दोनों परिवारों में इसको लेकर विवाद होता था। बीते गुरुवार को सुबह शिव आसरे पत्नी व दो बच्चों को लेकर बांदा के बरुआ गांव में साले की शादी समारोह में शामिल होने गया था। घर मे बड़ी बेटी सपना के अलावा उसका भाई था और उनकी देखरेख करने की जिम्मेदारी वह बलग में रहने वाले अपने छोटे भाई रामआसरे को दे गया था। बीती रात शुक्रवार को प्रेमी शालू सपना से मिलने उसके घर पहुंच गया। 

इसकी जैसे ही भनक लड़की सपना के चाचा को हुई तो उसने घर का दरवाजे में बाहर से ताला बंद कर इस मामले की जानकारी शादी में शामिल होने बांदा गए अपने भाई शिवआसरे को दे दी। शनिवार की सुबह करीब सात-आठ बजे वह बांदा से लड़की का पिता अपने घर पहुंचा। इसके उसने भाई दीपक व रामआसरे के साथ मिलकर बेटी और उसके प्रेमी शालू की कुल्हाड़ी से काटकर कर हत्या कर दी। नृशंस दोहरे हत्याकांड के हत्या कर दी।

 घटना की जानकारी पर गांव में सनसनी फैल गई। सूचना के थाना पुलिस के साथ आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद घर का दरवाजा खुलवाकर शवों को निकालते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य कुमार शुक्ला ने बताया कि मुकदमा दर्ज करते हुए मुख्य आरोपी बेटी के पिता शिव आसरे को गिरफ्तार कर हत्या में इस्तेमाल कुल्हाड़ी बरामद कर ली है।

 घटना में आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है। पिता करता रहा बेटे को छोड़ने की मन्नतें लड़की के घर पर इकलौते बेटे के पकड़े जाने की जानकारी मिलते ही पिता बैजनाथ व परिजन उसके घर पहुंच गए। अंदर से दरवाजा बंद होने के चलते उन्होंने खिड़की से अंदर पूरे घटनाक्रम का नाजारा देखा। 

जिस वक्त आरोपी लड़की का पिता कुल्हाड़ी से नाबालिग लड़के पर हमला कर रहा था वह उसे छोड़ने की मन्नतें कर रहा था। यही नहीं बेटे को छोड़ने के साथ उसने यहां तक कहां कि लड़की तुम्हारी बेटी है अपना खून है एक बार दोनों को बक्श दो, दोबारा ऐसा नहीं होगा। लेकिन लड़की के पिता शिवआसरे पर तो खून सवार तो और उसने किसी की एक न सुनी और कुल्हाड़ी से वार पर वार करते हुए दोनों की निमृमता से हत्या की वारदात को अंजाम दे डाला