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कानपुर : सवालों के घेरे में नौबस्ता पुलिस , महिला ने लगाए चौकी प्रभारी पर गंभीर आरोप
कानपुर । उत्तर प्रदेश में कई आपराधिक मामले आये दिन नज़र आते हैं। जिसके मद्दे नज़र पुलिस अपराध के खात्मे के लिए तत्परता से तैनात है। इसी के चलते प्रदेश सरकार महिला अपराधों पर रोक लगाने के लिए अंकुश लगाने को महिला हेल्प डेस्क, टोल फ्री नंबर, पिंक पुलिस जैसी तमाम योजनाएं चला रही है, लेकिन इसके बाद भी पुलिस का रुख महिला अपराधों के प्रति बदलने का नाम ही नहीं ले रहा है। बता दें, शहर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद भी पुलिस के रवैये में कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है।
मामला प्रदेश के नौबस्ता की आवास विकास हंसपुरम चौकी से सामने आया है। जिसमें युवती के साथ छेड़खानी और विरोध पर भाई के साथ मारपीट के मामले में पुलिस ने पीड़ित की छेड़खानी की तहरीर फाड़ दी। बता दें कि पुलिस ने पीड़ित परिवार से मारपीट की तहरीर लेकर FIR दर्ज करके खानापूर्ति कर दी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि चौकी प्रभारी ने आरोपित पक्ष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा किया है। पीड़ित परिवार ने DCP साउथ के दफ्तर में प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई है।
इस पूरे मामले में नौबस्ता मछरिया निवासी परिवार के मुखिया ने बताया कि "इलाके के शोहदे उनकी 16 वर्षीय बेटी संग आए दिन छींटाकशी और अश्लील इशारे करके छेड़खानी करते हैं। अपने साथ प्रतिदिन होने वाली ऐसी हरकतों से परेशान होकर युवती ने भाई को इसकी जानकारी दी थी। भाई ने इसका विरोध किया तो 13 मई को शोहदों ने साथियों के साथ मिलकर बेटे को बुरी तरह से पीटा।"
आरोप है कि वह लोग छेड़खानी और मारपीट की तहरीर देकर आवास विकास हंसपुरम चौकी पहुंचे तो चौकी प्रभारी मंसूर अहमद ने उनकी तहरीर को फाड़ दिया और मारपीट की तहरीर लिखाकर आरोपितों के खिलाफ एनसीआर दर्ज कर ली। इस मामले में पीड़ित पक्ष का आरोप है कि विवाद के दिन पुलिस दो आरोपितों को पकड़कर चौकी लाई थी। बाद में दोनों को चौकी से छोड़ दिया गया। पीड़ित परिवार ने DCP साउथ के कार्यालय में तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बता दें, DCP साउथ रवीना त्यागी का कहना है कि मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।