लखनऊ. कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस का तांडव भी अब देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में लखनऊ पीजीआई में शनिवार शाम को 80 साल के सुरेंद्र सिंह के पेट में ब्लैग फंगस मिला है. सुरेंद्र एक महीने पहले कोरोना संक्रमित हुए थे. उन्हें बाराबंकी से रेफर किया गया है. उधर, सरकारी संस्थानों में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए बने वॉर्डों में 90% बेड फुल हो चुके हैं. दरअसल इसके मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं पीजीआई में मरीजों की संख्या 18 है, जबकि केजीएमयू में दो मरीजों की फंगस से मौत हो गई है. इनमें से एक मरीज देवरिया व दूसरा आजमगढ़ का था.
बाराबंकी निवासी 80 साल के सुरेंद्र सिंह एक महीने पहले कोरोना संक्रमित हुए थे. होम आइसोलेशन में रहे और ठीक हो गए. बताया जा रहा है कि पांच दिन पहले अचानक खून की उल्टी शुरू हो गई. निजी अस्पताल में जांच हुई तो ब्लैक फंगस का खुलासा हुआ. इधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनथ ने यूपी में ब्लैक फंगस को लेकर सीएम योगी लगातार बैठक कर ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट ले रहे हैं और अफसरों को निर्देश दे रहे हैं. सीएम योगी ने कहा कि पोस्ट कोविड अवस्था में ब्लैक फंगस के संक्रमण की समस्या बढ़ रही है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप प्रदेश सरकार सभी मरीजों के समुचित चिकित्सकीय उपचार की व्यवस्था कर रही है.
केंद्र सरकार के निर्देशों के क्रम में कोविड की तर्ज पर ब्लैक फंगस को भी 'अधिसूचित बीमारी' घोषित किया जाए. इस संबंध में आदेश आज ही जारी कर प्रभावी करा दिया जाए. सीएम योगी ने कहा कि इसकी दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए. वहीं मेरठ के सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन ने दावा करते हुए बताया कि नमी से फंगस हो रहा है. इसलिए मास्क बदले और अगर धुला है तो उसे धूप में सुखाएं. उन्होंने कहा कि मास्क में नमी होने की वजह से भी फंगस का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. सीएमओ के मुताबिक ब्लैक फंगस से लोग तेजी से रिकवर भी हो रहे हैं.