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Remedisvir, ऑक्सीजन और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए सीएम योगी ने टीम-09 को दिए ये निर्देश

Remedisvir, ऑक्सीजन और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए सीएम योगी ने टीम-09 को दिए ये निर्देश

लखनऊ. कोरोना बीमारी से उभरने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में हैं। उन्होंने प्रदेश में जारी कोरोना के खिलाफ जंग की कमान पूरी तरह से अपने हाथों में ले ली है। बुधवार को उन्होंने उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई अहम फैसले लिए। उन्होंने न सिर्फ राज्य में जारी लॉकडाउन को 10 मई की सुबह तक जारी रखने का निर्णय लिया बल्कि कोरोना टेस्टिंग, ट्रीटमेंट, इलाज के दौरान इस्तेमाल हो रही दवाओं और लॉकडाउन की वजह से दिक्कतें झेल रहे रेहड़ी पटरी वालों के लिए कई अहम निर्णय लिए।

उन्होंने कोविड-19 से निपटने के लिए बनाई टीम-09 की मीटिंग में कोविड मरीजों के संबंध में दैनिक रिपोर्ट एकीकृत पोर्टल पर हर दिन जरूर अपलोड की जाए। हर कोविड हॉस्पिटल प्रत्येक दिन में दो बार अपने यहां खाली बेड्स की संख्या के बारे में अस्पताल के बाहर सार्वजनिक रूप से जानकारी चस्पा करे। इसे आइसीसीसी के पोर्टल पर भी अपलोड कराया जाए। डिस्चार्ज पॉलिस को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। सीएम योगी ने अस्पतालों में बेड/ऑक्सीजन को लेकर निर्देश दिए कि सेक्टर मैजिस्ट्रेट अस्पतालों के बाहर भी भ्रमण करते रहें, किसी मरीज/परिजन को किसी भी प्रकार की जरूरत हो तो उसे मुहैया कराएं।

उन्होंने ये भी कहा कि ऑक्सीजन प्लांट के सम्बंध में भारत सरकार, राज्य सरकार अथवा निजी क्षेत्र द्वारा किए जा रहे सभी प्रयासों का प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित कराया जाए। मुख्य सचिव इनकी दैनिक समीक्षा करें। यह कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाए। कोविड मरीजों के लिए एंबुलेंस के विषय पर उन्होंने निर्देश दिए कि 108 एम्बुलेंस सेवा की 75 फीसदी एम्बुलेंस कोविड डेडिकेटेड की जाए। शेष 25 फीसदी को नॉन कोविड मरीजों के उपयोगार्थ आरक्षित रखा जाए। मरीज अथवा परिजन को जरूरत पर तत्काल एम्बुलेंस/शव वाहन उपलब्ध कराया जाए।

Remedisvir इंजेक्शन के विषय पर सीएम योगी आदित्नाथ ने कहा कि प्रदेश में रेमेडेसीवीर सहित जीवनरक्षक मानी जा रही सभी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। सरकारी कोविड अस्पतालों में यह इंजेक्शन पूर्णतः निःशुल्क है। निजी अस्पतालों को जरूरत के अनुसार डीएम/सीएमओ द्वारा इसकी उपलब्धता कराई जा रही है। सभी जिलाधिकारी और सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि जब भी किसी मरीज को यह इंजेक्शन दिया जाए तो वहां नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एक चिकित्सक भी उपस्थित हो। इस जीवनरक्षक दवा की मांग, आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण रखा जाए।