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भारत में एक अनोखा गांव ऐसा भी, जहां हिंदु या मुसलमान सभी बोलते हैं संस्कृत
अनोखी दास्तान ; दुनिया में मौजूद हर एक जगह की अपनी अलग खासियत होती है. इसी खासियत की वजह से लोग उस जगह को पहचानते भी हैं. कर्नाटक का मत्तूरु ऐसा ही एक गांव है, जो पूरे देशभर में इसलिए फेमस है, क्योंकि यहां रहने वाला हर एक शख्स संस्कृत में ही बात करता है. फिर वो चाहे हिंदू हो या मुसलमान, इस गांव में रहने वाले सभी लोग संस्कृत में ही बातें करते हैं. एक दिलचस्प बात ये कि इस जगह के आसपास के गांवों में लोग कन्नड़ भाषा बोलते हैं, लेकिन मत्तूर में ऐसा नहीं है. यहां का बच्चा-बच्चा संस्कृत में बात करता है.
मत्तूर गांव तुंग नदी के किनारे बसा है, जो कि बेंगलुरु से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. एक जानकारी के मुताबिक इस गांव में संस्कृत प्राचीन काल से ही बोली जाती है. लेकिन समय के साथ यहां के लोग भी कन्नड़ भाषा बोलने लगे थे, मगर पेजावर मठ के स्वामी ने इसे संस्कृत भाषी गांव बनाने का आह्वान किया था. इसके बाद से सारे लोग आपस में संस्कृत में बातें करने लगे.
संस्कृतभाषी इस गांव के युवा बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम कर रहे हैं. कुछ साफ्टवेयर इंजीनियर हैं तो वहीं कुछ बड़े शिक्षा संस्थानों व विश्वविद्यालयों में पढ़ा रहे हैं. ये गांव अब इतना फेमस हो चुका है कि विदेशों से भी कई लोग संस्कृत सीखने के लिए यहां आते हैं. मत्तूर में संस्कृत भाषा से लोगों का खास लगाव किसी भी जगह पर देखा जा सकता है, क्योंकि यहां गली-मोहल्ले में लगे साइनबोर्ड पर भी संस्कृत का ही इस्तेमाल किया गया है.
इस गांव की विशेषता ही यही है कि गांव की मातृभाषा संस्कृत ही मानी जाती है. ग्रामीणों को काम चाहे कोई भी हो, वे बोलते सिर्फ संस्कृत ही हैं. अक्सर यहां आने वाले लोग ये सब देखकर चकित रह जाते हैं. यही वजह है कि आए दिनों ये गांव लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहता है. एक ओर जहां कुछ लोगों के लिए संस्कृत समझना बेहद मुश्किल है, वहीं इस गांव ने दिखा दिया कि अगर इंसान में कुछ सीखने की ललक है तो फिर कोई भी काम मुश्किल नहीं हैं ।