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UP  : आरटीपीसीआर की जांच में बड़ी धांधली , 191 मरीजों में से दो का ही है पूरा पता

UP : आरटीपीसीआर की जांच में बड़ी धांधली , 191 मरीजों में से दो का ही है पूरा पता

गाजियाबाद । उत्तर प्रदेश में कोरोना के आंकड़ों का दिन – प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। वहीं आरटी-पीसीआर जांच में बड़ी धांधली की घटना सामने आया है।  कोरोना की जांच में व्यापक गड़बड़ियां की पाई गई हैं .आप को बता दें कि कोरोना जांच के लिए प्रदेश में 
सभी स्वास्थ्य एवं अन्य सरकारी और निजी केंद्रों पर जांच चल रही है।  वही योगी सरकार की ग्रामीण इलाकों में जांच के आदेश के बाद बड़ी गड़बड़ी की बात सामने आई हैं।  जहां लैब टेक्नीशियन द्वारा फर्जी तरीके से लोगो का नाम और मोबाइल नंबर को दिखा कर अपने रोजाना टारगेट को पूरा करने का काम कर रहे हैं। 

वहीं प्रदेश के वाराणसी , मेरठ , कानपुर , गोरखपुर में लोगो ने बताया कि उन्होंने जो कोरोना की जांच कराया हैं। उनकी कोरोना संक्रमण रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 15 – 20 दिन बाद भी उनका निगेटिव रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड जल्दी नहीं किया जाता है। 

वहीं वाराणसी में शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ आपदा काल में सरकारी नौकरी कर रहे कोरोना की जांच टीम में लैब कर्मियों द्वारा अपने निजी लैब पर सरकारी जांच सामग्रियों से पैसे कमा रहें हैं।  वहीं इस ओर जिला प्रशासन ध्यान नहीं दे पा रहा है।  श्री श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने जो जांच कराया था । लैब टेक्नीशियन द्वारा हजारों रुपए वसूले गए थे ।


गाजियाबाद के शारदा हॉस्पिटल ने जिन 191 मरीजों का डाटा पोर्टल पर अपडेट किया है, उनमें से सिर्फ दो का ही पूरा पता सही है. बाकी 189 मरीजों का पता अपूर्ण है. उदाहरण के तौर पर मरीजों के एड्रेस में सिर्फ सेक्टर, जेपी ग्रीन, गामा टू, सिगमा, अल्फा-वन और डेल्टा लिखा है. इससे मरीजों के इलाज, दवा वितरण और कंटेनमेंट जोन निर्धारित करने में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को मुश्किलें आ रही हैं. इन सब से यह स्पष्ट होता है कि शारदा हॉस्पिटल की लैब में मरीजों की टेस्टिंग के उपरांत डेटा को यूपी कोविड पोर्टल पर शासन के निर्देशों के मुताबिक अपडेट नहीं किया जा रहा है.

ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद जिले के डिप्टी कलेक्टर व कोविड टेस्टिंग एवं लैब के नोडल अधिकारी राजीव राय ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट को कड़ी चेतावनी देते हुए अंतिम नोटिस जारी किया है. प्रबंधन से तत्काल इस पर जवाब देने के लिए कहा गया है. 


शरदा अस्पताल की तरफ से 23 अप्रैल से 1 मई तक के आरटी-पीसीआर रिपोर्ट को यूपी पोर्टल पर 10 मई को अपलोड किया गया. 10 मई तक तक पोर्टल पर केवल पॉजिटिव मरीजों की ही रिपोर्ट अपलोड की गई थी. इसके अलावा 191 लोगों के रिजल्ट भी अपलोड किए गए थे. 15 दिन बाद रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करने के कारण लोगों को दवाइयां पहुंचाने, आइसोलेट करने और कंटेनमेंट जोन बनाने में देरी हुई.


 जिला प्रशासन ने कहा है कि तत्काल इसका जवाब नहीं मिलने पर अस्पताल प्रशासन पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. नोटिस में लिखा है कि, “यूपी कोविड पोर्टल पर शारदा हॉस्पिटल द्वारा अपलोड की गई आरटी-पीसीआर रिजल्ट का विश्लेषण करने पर पाया गया कि 10 मई को कुल 191 मरीजों का परिणाम अपलोड किया गया. जिसमें सभी मरीज आरटी-पीसीआर पॉजिटिव पाए गए. इससे यह पता चलता है कि अस्पताल में नेगेटिव रिपोर्ट के सैंपल्स की एंट्री पोर्टल पर नहीं की. यह त्रुटिपूर्ण है और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को दिखाता है.”


अधिकारियों के अनुसार, शारदा हॉस्पिटल द्वारा मरीजों का सही पता भी पोर्टल पर अपडेट नहीं किया जा रहा है. उदाहरण के तौर पर नीतीश कुमार का पता सिर्फ मेरठ दिखाया गया है. जबकि सुधीर कुमार, तान्या कुमारी और आशा गुप्ता का पता बुलंदशहर दिखाया गया है. लेकिन इन सभी की केस आईडी गौतमबुद्ध नगर की बनाई गई. यह घोर अनियमितता का परिचायक है.


नोटिस में चेतावनी देते हुए लिखा है कि, “12 और 13 मई को भी कोविड पोर्टल पर अस्पताल की तरफ से अपडेट किए गए डाटा में कई कमियां पाई गईं. यह क्षम्य नहीं है.

बता दें कि गौतम बुद्ध नगर में बीते 24 घंटे में 1,250 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर अपने घर पहुंचे हैं. इसके अलावा पिछले 24 घंटे में जिले में 480 नए कोविड पॉजिटिव मरीज भी पाए गए हैं. कोविड-19 के प्रभारी अधिकारी नरेंद्र भूषण, पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह एवं जिलाधिकारी सुहास एल वाई के नेतृत्व में कोरोना मरीजों को इलाज संभव कराने के लिए प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य एवं प्राधिकरण के अधिकारी गण युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं.