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UP: जौनपुर पंचायत चुनाव के बाद से अब तक 2 गांव में 60 से ज्यादा लोगों की मौत, खुटहन के डेहरी गांव में गईं सबसे ज्यादा 35 जानें।

UP: जौनपुर पंचायत चुनाव के बाद से अब तक 2 गांव में 60 से ज्यादा लोगों की मौत, खुटहन के डेहरी गांव में गईं सबसे ज्यादा 35 जानें।


उत्तर प्रदेश। जौनपुर में कोरोना का कहर जारी हैै। शहरों के के साथ ही अब गांवों में भी कोरोना कहर बनकर टूट रहा है। सुइथाकला ब्लॉक के डेहरी गांव में एक महींनें मे 35 लोगों की मौत होने की खबर सामने आई है। खबर के मुताबिक ये सभी मौतें पंचायत चुनाव के बाद से अब तक हुई हैं। गांव में लगातार हो रही मौतों से दहशत का माहौल है। किसी घर में एक तो किसी घर मे 7 दिनों के भीतर दो लोगों की मौत हो चुकी हैै। लगातार हो रही मौतों से गांव वाले इतने डरे हुए हैं कि उन्होंने एक दूसरे के घर आना-जाना तक बंद कर दिया हैै।

इस तरह के कहर के बाद भी प्रशासन अब तक एक्टिव नजर नहीं आ रहा है। बड़ी तादाद में हुई मौतों के बाद भी गांव में न तो अब तक सेनेटाइजेशन हुआ है और न ही कोई स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची है। जबकि शाहगंज के SDM राजेश कुमार वर्मा का कहना है कि टीमें ऐसे सभी गांवों में पहुंच कर साफ सफाई के साथ ही लोगों की टेस्टिंग भी कर रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को दवाएं बांटे जाने का भी दावा किया है। उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्य टीम के किसी गांव में नहीं जाने की शिकायत मिली तो इस पर कार्रवाई की जाएगी।


शाहगंज तहसील इलाके के 2 गांवों में अब तक 5 दर्जन से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इससे पहले खुटहन ब्लॉक के पिलकिछा गांव में 25 मौतें होने की खबर से हड़कंप मचा हुआ था। मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद एक्शन लेते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जांच के लिए पहुंची थी। जिसके बाद गांव में सेनेटाइजेशन और टेस्टिंग शुरू की गई थी। बताया जा रहा है कि सुइथाकला विकासखंड के डेहरी गांव में पंचायत चुनाव के बाद से अब तक दो टीचर्स समेत करीब 35 लोगों को मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि मरनें वाले अधिकांश लोगों को सर्दी-बुखार, जुखाम के साथ ही सांस लेंने में परेशानी थी।


वहीं डेहरी गांव के रहने वाले पेशे से टीचर सुभाष यादव का कहना है कि उनके घर में सिर्फ 7 दिनों में दो लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि पेशे से हेडमास्टर रहे उनके चाचा कामता प्रसाद यादव की चुनावी ड्यूटी के बाद अचानक तबीयत खराब हो हो गई थी। जिसके बाद 30 अप्रैल को उनकी मौत हो गई. उनका त्रयोदश संस्कार भी पूरा नहीं हुा था कि 7वें दिन उनकी मां पियारी देवी की भी मौत हो गई। वहीं राज बहादुर यादव नाम के टीचर की तबीयत भी पंचात चुनाव में ड्यूटी के बाद खराब हो गई थी। सर्दी-जुखाम बुखार हुआ और सांस लेनें में दिक्कत के बाद उनकी भी मौत हो गई।