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UP: सुमेरपुर बीघापुर गांव में सर्दी खांसी बुखार और सांस फूलने से 70 लोगों ने तोड़ा दम। आइए जानते हैं पूरी ख़बर।

UP: सुमेरपुर बीघापुर गांव में सर्दी खांसी बुखार और सांस फूलने से 70 लोगों ने तोड़ा दम। आइए जानते हैं पूरी ख़बर।


सुमेरपुर। बीघापुर तहसील में सात हजार आबादी के टेढ़ा गांव में मौत का तांडव है। कई घरों के चूल्हे ठंडे हो गए हैं। डेढ़ माह में सिंतरी प्रजापति, मुन्ना सोनी, राम बहादुर रैदास, पुत्तीलाल, रामरती समेत 40 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। एक घर से तीन-तीन जाने गईं। मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को फोन पर बताया भी पर न तो स्वास्थ्य विभाग ने कोई सुध ली और न ही प्रशासन ने। दहशत के चलते यहां के लोग जांच भी नहीं करा रहे हैं। गांव में कैंप लगाकर जांच करें तो संक्रमितों का आंकलन हो सकेगा। 

पुरवा तहसील के सेमरी व पाठकपुर गांव में एक महीने में तीन दर्जन से अधिक मौते हुईं। एक हजार की आबादी वाले सेमरी गांव में अप्रैल में घर-घर लोग सर्दी, बुखार-जुकाम की चपेट में आए। एक हफ्ता तोहर दिन सांस फूलने व दम घुटने व ऑक्सीजन लेवल कम होने से 2-3 लोगों की मौत होती रही। एक ही हफ्ते में गांव की तारावती, रामा देवी, शालिनी शुक्ल, कल्लू शुक्ल, नीरज गुप्त, कांति तिवारी, गंगा प्रसाद कश्यप, श्यामा, शुभई, हरिनारायण व लल्लू आदि काल के गाल समा गए।इसी तरह 1500 की आबादी वाले पाठकपुर गांव में हफ्तेभर में रामकुमार, शिवप्रसाद तिवारी, सुरजा देवी, पुत्तन शुक्ल, सघन लाल, गया कुशवाहा, राम मिलन, सरोजनी, सरजू प्रसाद, अशोक, राजेश जायसवाल आदि की मौत हुई। एक हफ्ते से मौत का सिलसिला थमा है और बीमारों की संख्या भी घट चुकी है। 

अब स्वास्थ्य विभाग टीम भी गांवों में जाकर बीमार लोगों को चिह्नित कर रही है। एक दर्जन लोग ही सर्दी व बुखार से पीड़ित पाए गए हैं। सफाई व सेनेटाइजेशन का नहीं हो रहा है। इस मामले में सीएमओ डॉ. आशुतोष कहते हैं कि उन्हें बुखार से मौतों की जानकारी नहीं है। स्थानीय अस्पताल प्रशासन ने टीमें जरूर भेजी होंगी। अब जानकारी हुई तो बुखार से पीड़ित लोगों की पहचान के लिए मेडिकल टीमों को गांव भेजेंगे। सभी की जांच कराई जाएगी। 


सर्दी-जुकाम हुआ, अगले दिन बुखार आया और तीसरे दिन सांस फूलने से मौत हो गई। डेढ़ महीने पहले उन्नाव जिले के तीन गांवों में मौत का सिलसिला ऐसा चला कि आज तक नहीं थमा है। प्रशासन भले दावा करे कि कोरोना आने के सवा साल में सिर्फ 188 लोगों की मौत हुई है मगर बीघापुर तहसील के टेढ़ा गांव और पुरवा तहसील के पाठकपुर और सेमरी गांव की तबाही इस बात की तस्दीक करते हैं कि आंकड़ों में खेल जरूर है। इन तीनों गांवों में कोरोना के दूसरे फेज में 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन के आंकड़े इस वजह से सही हो जाते हैं कि मृतक के घरवालों के पास कोई सबूत नहीं है। किसी की कोरोना जांच नहीं हुई तो किसी की रिपोर्ट तक नहीं आई। आज भी गांवों में मौत का तांडव कम नहीं हो रहा है। गांव के लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं।