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UP : सरकार के कोविड प्रबंधन को लेकर संतुष्ट नहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट, पब्लिक ग्रीवांस कमेटी गठित करने के दिए निर्देश
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोविड के बढ़ते संक्रमण को लेकर कायम जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई हुई. राज्य सरकार की तरफ से कोविड की रोकथाम को लेकर जो हलफनामा पेश किया गया उससे कोर्ट संतुष्ट नहीं दिखा. कोर्ट ने कहा कि सेक्रेटरी होम की तरफ से दाखिल हलफनामे में पर्याप्त जानकारी नहीं है. यूपी के मुख्य सचिव को 48 घंटे के भीतर प्रत्येक जिले में सदस्यीय पब्लिक ग्रीवांस कमेटी गठित करने का निर्देश दिया. अब इस मामले की सुनवाई 17 मई को 11 बजे वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से होगी.
सुनवाई के दौरान जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच ने कहा कि कोविड मरीजों को लेकर हेल्थ बुलेटिन भी जारी नहीं किया जा रहा है. जिसके बाद कोर्ट ने हर जिले में तीन सदस्यों की पेंडमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के गठन का निर्देश दिया. साथ ही जिला जज को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट या ज्यूडीशियल ऑफिसर रैंक के अधिकारी को नामित करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि आदेश के 48 घंटे के भीतर चीफ सेक्रेट्री होम को कमेटी गठित करनी होगी. पब्लिक ग्रीवांस कमेटी कोविड के बढ़ते संक्रमण पर नजर रखेगी.
हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि बहराइच, बाराबंकी, बिजनौर, जौनपुर और श्रावस्ती के शहरी और ग्रामीण दोनों हिस्सों में किए गए कोरोना परीक्षणों की संख्या और उस प्रयोगशाला का परीक्षण किया जाए, जहां से परीक्षण किया जा रहा है. डेटा 31 मार्च 2021 से आज तक का होना है. दरअसल इन 5 दिनों में जिलों में ग्रामीण इलाके में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला है.