लखनऊ. उत्तर प्रदेश में नेशनल कैडेट कोर (NCC) कोर्स शुरू कराने और करने के इच्छुक छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है. केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में यूपी के सभी निजी स्कूलों को भी अब पूर्ण स्ववित्तपोषित योजना के तहत न सिर्फ एनसीसी कोर्स शुरू करने की अनुमति दे दी है बल्कि पूर्ण स्व-वित्तपोषित योजना के तहत एनसीसी में 4000 जूनियर डिवीजन/ विंग रिक्तियों का भी आवंटन कर दिया है. केन्द्र सरकार का ये कदम उत्तर प्रदेश में एनसीसी की गतिविधियों को विस्तारित करने में मदद करेगा. हालांकि उत्तर प्रदेश में पहले से ही देश के सर्वाधिक करीब 1 लाख 50 हजार एनसीसी कैडेट हैं.
उत्तर प्रदेश एनसीसी निदेशालय के अपर महानिदेशक मेजर जनरल राकेश राणा के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के स्कूलों में सीमित रिक्तियों के चलते एनसीसी कोर्स शुरू नहीं हो पा रहा था. जिसके चलते बीते एक लंबे समय से प्रदेश के कई स्कूलों की लंबित मांग को देखते हुए ये कदम उठाया गया है. इससे प्रदेश के छात्रों को बड़े पैमाने पर लाभ होगा. इससे फैसले से उन्हें न केवल राष्ट्र निर्माण में एक प्रमुख भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा बल्कि एनसीसी का 'A' प्रमाण पत्र प्राप्त करने के अलावा पेशेवर कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए भी काफी लाभ होगा. इसके साथ ही कैडेटों को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण और विभिन्न सामाजिक सेवा और सामुदायिक विकास गतिविधियों में भाग लेने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर शिविर, ट्रेक, पर्वतारोहण पाठ्यक्रम, नेतृत्व विकास कैप्सूल में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा. यही नहीं, जो स्कूल पूरी तरह से स्व-वित्तपोषण योजनाओं में आउट ऑफ टर्न आवंटन के इच्छुक हैं, वे निकटतम एनसीसी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.
एनसीसी निदेशालय में एनसीसी की पूर्ण स्ववित्तपोषित योजना के कोआर्डिनेटर कर्नल ए.के. सिंह बताते हैं कि पहले सरकारी स्कूलों में एनसीसी कोर्स के लिए आने वाले सारे खर्च का वहन एनसीसी निदेशालय द्वारा किया जाता था, लेकिन अब इस पूर्ण स्ववित्तपोषित योजना के तहत निजी स्कूल अपने खर्च पर एनसीसी कोर्स को शुरू कर सकते हैं. हालांकि इस कोर्स को शुरू करने के इच्छुक स्कूलोंं के किसी टीचर को पहले एनसीसी द्वारा 2 माह का एसोसिएट एनसीसी आफिसर (ANO) कोर्स कराया जायेगा. ये कोर्स महिला टीचर को ग्वालियर और पुरूष टीचर को कामटी, नागपुर एनसीसी आफिसर एकेडमी में कराया जायेगा. इसके साथ ही संबंधित स्कूल को एनसीसी के कैंप, प्रशिक्षण, ड्रिल, फायरिंग और अभ्यास जैसी अन्य गतिविधियों के लिए एक रिटायर्ड सैनिक या फिर एनसीसी के C सर्टिफिकेट होल्डर की नियुक्ति करनी होगी. समय-समय पर एनसीसी के अफसर भी ट्रेनिंग और सहयोग देने के साथ मार्गदर्शन भी करेंगे, लेकिन इन सबका खर्च संबंधित निजी स्कूल को ही वहन करना होगा. हांलाकि एनसीसी कोर्स की परीक्षा और प्रमाण पत्र देने का कार्य एनसीसी निदेशालय द्वारा ही किया जायेगा. इस दौरान एनसीसी कोर्स के लिए प्रति छात्र पर कुल सिर्फ करीब 8 हजार का ही खर्च आता है.