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UP : IAS-PCS के लिए छह जिलों में शुरू होगी नि:शुल्क कोचिंग, ऑनलाइन परीक्षा से होगा चयन

UP : IAS-PCS के लिए छह जिलों में शुरू होगी नि:शुल्क कोचिंग, ऑनलाइन परीक्षा से होगा चयन

लखनऊ । विकास के इस डिजिटल युग में देव भाषा संस्कृत भी अब कदमताल करने लगी है। पुराणों से निकलकर आम लोगों तक पहुंचने वाली सभी भाषाओं की जननी संस्कृत अब आइएएस और पीसीएस की तैयारी करने वाले युवाओं की पसंद बन गई है। उप्र संस्कृत संस्थानम् की ओर से ऐसे विद्यार्थियों को प्राेत्साहित करने के लिए लखनऊ में निश्शुल्क कोचिंग की शुरुआत के बाद अब छह और जिलों में कवायद शुरू हो गई है। कोरोना संक्रमण के चलते आफलाइन परीक्षा के बजाय अब आनलाइन परीक्षा से विद्यार्थियों का चयन होगा।

गोरखपुर, प्रयागराज,वाराणसी, बरेली, आगरा व झांसी में कोचिंग खोलने की तैयारी चल रही है। गोरखपुर में विद्यार्थियों का चयन भी हो चुका और प्रयागराज व वाराणसी में अगले महीने से चयन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आनलाइन आवेदन के साथ ही चयन परीक्षा भी आनलाइन ही होगी। एक सेंटर में 75 विद्यार्थियों का चयन होगा।


 आइएएस और पीसीएस की परीक्षा की तैयारी करने वाले 21 से 35 वर्ष आयुवर्ग के ऐसे युवाओं का चयन किया जाएगा है जिनका ऐच्छिक विषय संस्कृत होगा। परीक्षा और साक्षात्कार में चयनित युवाओ की निशुल्क कोचिंग के साथ ही तीन हजार रुपये प्रतिमाह वजीफा भी मिलेगा। 
संस्थानम् की वेबसाइट upsanskritsansthanam.in पर 
जानकारी ली जा सकती है।

आनलाइन चल रही पढ़ाई : लखनऊ के अलीगंज में 113 युवाओं में 65 का चयन हो चुका है। उनकी आनलाइन पढ़ाई चल रही है। उप्र संस्कृत संस्थानम् के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीके मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से आनलाइन पढ़ाई चल रही है। गोरखपुर के चयनित विद्यार्थियों को भी आनलाइन पढ़ाया जा रहा है। मुख्य परीक्षा के साथ प्री परीक्षा मेें संस्कृत विषय होना अनिवार्य है। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के आचार्य डा.पवन दीक्षित ने बतायाकि संस्कृत विषय मेें गणित जैसे अंक मिलते हैं। इसकी वजह से भी संस्कृत के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ा है।

उप्र संस्कृत संस्थानम् के अध्यक्ष डा.वाचस्पति मिश्रा ने बताया कि देव भाषा संस्कृत न केवल वेद पुराणों की भाषा है बल्कि यह हमारी वैदिक संस्कृति का प्रतीक भी है। विकास के इस डिजिटल युग में संस्कृत काे मुख्यधारा में लाने की कवायद के बीच आइएएस और पीसीएस परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को भी जोड़ा जा रहा है। प्रदेश सरकार की मंशा के सापेक्ष वैदिक संस्कति काे बचाने का यह प्रयास है। लखनऊ व गोरखपुर में संचालन शुरू हो गया है। पांच और जिलों में तैयारी पूरी हो गई है।