लखनऊ । उत्तर प्रदेश में ताऊ ते के बाद अब यास तूफान की दस्तक हो गई है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यास तूफान का ओरिजिन 22 मई को को अंडमान के पास चुका है और 26-27 मई को कोस्टल बेल्ट ओडिसा वेस्ट बंगाल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा. सीनियर साइटिंस्ट डॉक्टर शमीम का कहना है कि आगामी 28-29 मई को इसका असर यूपी में भी देखने को मिलेगा. उन्होंने संभावना जताई कि ईस्टर्न यूपी में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. डॉक्टर शमीम ने कहा कि 29 के बाद वेस्ट यूपी में भी इस तूफान का असर देखने को मिल सकता है.
भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान के सीनियर साइंटिस्ट डॉक्टर शमीम का कहना है कि 28-29 मई को वाराणसी, मिर्जा़पुर और अयोध्या इत्यादि जिलों में 15 से 20 मिमी की बारिश हो सकती है. जबकि वेस्ट यूपी में इसका असर 29 मई के बाद देखने को मिल सकता है. डॉक्टर शमीम ने बताया कि यास साईक्लोनिक फिनोमिना समुद्र में होता रहता है. तूफान का नाम डबल्यूएमओ देता है. उन्होंने बताया कि यास एक अरेबिक शब्द है जिसका अर्थ निराशा होता है.
इसे तूफान का असर कहें या कुछ और लेकिन डॉक्टर शमीम ने बताया कि इस बार मॉनसून भी चार से पांच दिन पहले आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि 28 मई को मॉनसून केरल में दस्तक दे सकता है. आमतौर पर एक जून को केरल में मॉनसून आता है. डॉक्टर शमीम का कहना है कि चार पांच दिन पहले मॉनसून का आना कई वर्षों बाद होने जा रहा है. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो ताऊ ते के बाद अब बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा चक्रवात तूफान यास उत्तर प्रदेश का मौसम बदलेगा. आने वाले 24 से 48 घंटों में यूपी में तेज़ रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी. मई के इस तरह से बदलते मौसम को देखते हुए मौसम वैज्ञानिक कयास लगा रहे हैं कि इस बार मानसून जल्द आएगा. वैसे तो भारत में मानसून पहली जून को केरल के रास्ते आता है मगर इस बार चक्रवातीय तूफान और अन्य सहयोगी मौसमी हालात के मद्देनजर केरल में 28 मई को मानसून आ सकता है.
वहीं मेरठ में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर शमीम का कहना है का कहना है कि तापमान में वृद्धि हुई है. धीरे-धीरे तापमान बढ़ेगा और मौसम में भी बदलाव दिखाई देगा. गौरतलब है कि जब से बारिश के बाद से ताऊ ते तूफान का असर वेस्ट यूपी में हुआ तब से मेरठ शहर समेत आसपास के जिलों की हवा पूरी तरह से शुद्ध हो गई है. एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर 100 से नीचे चल रहा है.मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 81 तक पहुंचा है. जबकि बागपत 60, गाजियाबाद 85 और मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 103 तक दर्ज किया गया है.