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UP : अनाज और तेल की कालाबाजारी से योगी सरकार बेखबर , केसरी न्यूज़ ने की पड़ताल
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में आए दिन खाने में उपयोगी तेलों के दामों में मनमाना बढ़ोतरी होती जारी है। प्रदेश के सभी जिलों में बीते कुछ दिनों से पहले ही सरसों तेल के दाम ₹ 100 – 105 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था। वहीं कोरोना की दूसरी लहर का फायदा थोक और खुदरा व्यापारी वर्ग ने इस कदर उठाया कि अब आलम यह हैं कि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार बिना सरसों तेल के खाने को बनाने को मजबूर हैं । वहीं बढ़ते दिन प्रति दिन दामों पर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार इस कालाबाजारी को रोकने की ओर ध्यान नहीं दे पा रहा है। सरकार और प्रशासन इस कालाबाजारी से बेखबर है
लिहाजा व्यापारी मनमाना बढ़ोतरी कर आपदा काल में भी कालाबाजारी करने से पीछे नहीं हट रहें हैं। आप को बता दे कि मई माह के पहले सप्ताह में सरसों तेल की कीमत ₹ 140 – 150 प्रति लीटर बिक रहीं थीं। जब उत्तर प्रदेश की सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन को 7 मई से 11 मई किया तो कालाबाजारी करने वाले लोगों के लिए मानों लॉटरी लग गई हों।
दुकानदार लॉकडाउन की गाइडलाइन का उल्लघंन तो कर रहें है । वहीं लाेग जब भी सरसों का तेल और रिफाइंड खरीदने किराने की दुकान पर गए हैं उन्हें दाम बढ़े हुए मिले। अब प्रदेश में पहली बार सरसों का तेल 180 रुपये लीटर पहुंच गया है, जबकि रिफाइंड भी 165 से 170 रुपये के बीच बिक रहा है। वहीं दूसरी तरफ अरहर और मसूर दाल की कीमत भी 20 फीसद तक बढ़ गई है। आमतौर पर 80 रुपये किलो बिकने वाला डालडा भी 160 रुपये में मिल रहा है।
रिफाइंड और सरसों के तेल के दाम बार-बार दाम बढ़ने से बहुतों से रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। अभी ये तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। आने वाले समय में रिफाइंड और सरसों तेल के दामों में और तेजी की आशंका जताई जा रही है। बीते एक सप्ताह में रिफाइंड के दामों में 25 रुपए लीटर की तेजी आई है। इसी तरह सरसों के तेल के दाम भी 40 रुपए तक बढ़ गए हैं।