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वाराणसी : मुसीबत में फंसे बीएचयू के प्रोफेसर , डॉक्टरों बारे में पोस्ट में लिखा यह बात ?
वाराणसी. कोरोना वायरस की महामारी से देशभर के डॉक्टर्स जमकर लोहा ले रहे हैं, लेकिन इस बीच बीएचयू प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा द्वारा उनकी योग्यता पर सवाल उठाने से हंगामा मच गया है. जबकि ट्विटर के जरिए मिली शिकायत के बाद वाराणसी पुलिस ने इस मामले की जांच के साथ जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
दरअसल काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सोशल साइंस फैकल्टी के डीन कौशल किशोर मिश्रा ने अपने फेसबुक एकाउंट से WHO का हवाला देते हुए भारत के 60 प्रतिशत डॉक्टरों को अयोग्य बताया था. उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि भारत के 60 फीसदी डॉक्टर अयोग्य हैं. अब उन्हें कौन बताए कि यहां डॉक्टर योग्यता से नहीं, बाबा साहब के संविधान की वजह से बनते हैं.'
बीएचयू प्रोफेसर कौशक किशोर मिश्रा की फेसबुक पोस्ट को लेकर एसटी-एससी स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजिंग कमिटी के संयोजक चंदन सागर ने ट्विटर के जरिए वाराणसी पुलिस (लंका थाना) से इस मामले की शिकायत की थी. शिकायत मिलने के बाद इस मामले की जांच एसीपी भेलूपुर को सौंपी गई है.
चंदन सागर की शिकायत के मुताबिक, प्रोफेसर ने 13 मई को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की छवि को धूमिल करने के लिए फेसबुक पर पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने ये बताना चाहा कि बाबा साहब की वजह से भारत के 60 फीसदी डॉक्टर नाकाबिल हैं, जो पूर्णतः गलत तथ्य है. इस तरह के पोस्ट से जातीय दुर्भावना और द्वेष फैलता है. लिहाजा हमारी मांग है कि पुलिस समाज में जातिगत द्वेष फैलाने वाले बीएचयूी प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा पर कार्रवाई करे.