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वाराणसी : चक्रवात ताउते का असर, झमाझम बारिश से सड़कें गलियां तालाब बनी

वाराणसी : चक्रवात ताउते का असर, झमाझम बारिश से सड़कें गलियां तालाब बनी

वाराणसी । अरब सागर से आये चक्रवात ताउते का असर वाराणसी में लगातार चौथे दिन गुरूवार को भी बना हुआ है। बुधवार की शाम से शुरू बारिश पूरी रात और सुबह आठ बजे तक उपस्थिति बनाये रही। 

पूर्वान्ह 9.30 पर बादलों को चीर कर भगवान भाष्कर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। लेकिन बदली और हवाओं के चलते सूर्य की रश्मियां कमजोर दिखी। वायुमंडल में नमी से आज भी पूरे दिन बारिश की सम्भावना बनी हुई है। दस बजे तक जिले में अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

 सौ फीसद बारिश के साथ नमी 86 फीसद बनी हुई है। हवा की रफ्तार भी 11 किमी प्रतिघंटा बताया गया। पूरी रात और सुबह तक जिले में हुई बारिश से शहर और ग्रामीण अंचल के ज्यादातर निचले हिस्सों में जलभराव की स्थिति है। मौसम विभाग के अनुसार वाराणसी में पिछले दो दिन में 25 मिलीमीटर बारिश हुई।

 मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार चक्रवाती तूफान अब राजस्थान की ओर जा रहा है, लेकिन हवा में नमी अधिक होने से उसका असर अभी बना रहेगा। इसकी वजह से अभी शुक्रवार तक बूंदाबांदी, तेज हवा भी चल सकती हैं। 

पिछले चार दिनों से हो रही बारिश और बूंदाबांदी से लोगों को गर्मी और उमस से छुटकारा मिला तो रात और भोर में ठंड का भी एहसास हुआ। मौसम का ये मिजाज लोगों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नही माना जा रहा है। इससे सर्दी, खांसी और गले में खराश की शिकायत भी बढ़ रही है। 

जिले के लगभग हर घर में ये समस्या सामने आ रही है। उधर, बारिश से रात में शहर के कई हिस्सों में बिजली भी बाधित रही। लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए मुसीबत भी बन रही है। रोहनिया क्षेत्र के राजातालाब और आसपास के गांवों में बारिश का पानी घरों-दुकानों में घुस गया है। ये नजारा क्षेत्र के कचनार, रानीबाजार, पंचक्रोशी मार्ग-जक्खिनी रोड व रथयात्रा मार्ग पर दिख रहा है। क्षेत्र के प्रभावित परिवारों ने बताया कि घरों में नाले का पानी आ रहा है। 

सीवर और बरसाती पानी के निकासी की व्यवस्था सुधारने के लिए कई बार गुहार लगाई जा चुकी है। लेकिन उसके बाद भी समस्या का हल नहीं हो पा रहा है। यहां बरसात के चलते सड़क का पता ही नहीं चल पाता। जिससे वाहन चालकों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ रहीं है। 

स्थानीय निवासी राजकुमार गुप्ता ने बताया कि इस समस्या को लेकर विभागीय अधिकारियों से बात भी की गई। लेकिन कोई हल नहीं निकला पाया। उधर,बारिश से आम और सब्जियों के फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। जिले के कई हिस्सों में कच्चे मकान जहां क्षतिग्रस्त हो गये।