वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के महाविद्यालय शिक्षक एसोसिएशन ने नए सत्र का आरंभ जुलाई से करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव को पत्र लिखा है। इसके पीछे एसोसिएशन के पदाधिकारियों का तर्क है कि इस अवधि में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की पूर्ण तैयारी करने का समय मिल जाएगा।
बुधवार को लिखे गए पत्र में एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार पांडेय एवं महामंत्री दिवाकर सिंह ने कहा है कि बिना तैयारियों के ऑनलाइन कक्षाएं आरंभ कर देना किसी भी स्थिति में तर्क संगत नहीं है। सरकार ने 18 मई को ऑनलाइन कक्षाओ के संचालन के लिए शासनादेश जारी किया है।
इसके मुताबिक कुलपति या प्राचार्य यह तय कर सकते हैं कि शिक्षकों को परिसर में उपस्थित होने को कहा जाय या नहीं। ऐसे में जब कोरोना और ब्लैक फंगस के कारण कोहराम की स्थिति बनी हुई है, शिक्षकों को परिसर में उपस्थित होने के लिए बाध्य न किया जाए। प्रदेश सरकार द्वारा दिनांक 24 मई तक लॉकडाउन घोषित किया गया है।
कोरोना से सुरक्षित रहने के लिए घरों में रहने के आदेश हैं। यदि परिस्थितियां सामान्य नही हुई तो लॉकडाउन और बढ़ाया जा सकता है। अत: अन्य विश्वविद्यालयों की भांति शिक्षकों को मिलने वाली गर्मी की छुट्टियों की घोषणा भी अतिशीघ्र की जाए।
संगठन के एक अन्य पदाधिकारी डॉ. उदयन मिश्रा का कहना है कि विद्यापीठ से करीब तीन लाख विद्यार्थी जुड़े हैं। इनमें से एक लाख से ज्यादा विद्यार्थी ऐसे हैं, जो अब भी स्मार्ट फोन से वंचित हैं। ऑनलाइन शिक्षण का लाभ सभी विद्यार्थी को मिल सके, इसके लिए सभी विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बहुत से विद्यार्थी ऐसे भी हैं, जो महंगी इंटरनेट सेवा का खर्च वहन नहीं कर सकते। लिहाजा सभी विद्यार्थी को 50 रुपए में 30जीबी नेट की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। जब तक यह सुविधाएं बहाल नहीं हो जाती ऑनलाइन शिक्षण का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा