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इंसान के खून का पतला और गाढ़ा होने से शरीर को क्या हैं नुकसान, कोरोना वायरस से क्या है इसका संबंध

इंसान के खून का पतला और गाढ़ा होने से शरीर को क्या हैं नुकसान, कोरोना वायरस से क्या है इसका संबंध

कोविड-19 की दूसरी लहर में संक्रमण ना केवल बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं बल्कि इसमें संक्रमितों को बहुत से नए लक्षण भी मिल रहे हैं. इनमें खून का थक्का (Blood Clot) भी एक प्रभाव है. ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि खून का थक्का जमना क्या होता है यानि खून का पतला (Thinning of Blood) और गाढ़ा होना क्या है. इसके क्या फायदे नुकसान हैं और वास्तव में इसका कोविड-19 महामारी से क्या संबंध है.


हमारे शरीर में रक्त तंत्र में यह क्षमता होती है कि वह जरूरत पड़ने पर खून का गाढ़ा कर सके. यह उस समय उपयोगी होता है जब किसी को चोट लगती है और खून बहने लगता है. ऐसे में हमारा शरीर खून बहने वाले हिस्सो का गाढ़ा करन खून का थक्का बनाने लगता है जिससे खून का रिसाव रुक सके. यह हमारे शरीर के रक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा है. लेकिन इसके अलावा खून की नसों में थक्का बनना बहुत नुकसानदेह हो सकता है.


दरअसल हमारा खून प्लाज्मा, लाल रक्त कोशिका, सफेद रक्त कोशिका और प्लेटलेट्स से मिल कर बना होता है. इसमें प्लेटलेट् खून की मात्रा का केवल एक या दो प्रतिशत ही होता है और ये खून का गाढ़ा करने और खास तौर पर उसका थक्का बनाने में मदद करते हैं. सामान्यतया प्लेटलेट्स की संख्या 1.5 से 4 लाख प्रति मिलीलीटर होती है लेकिन अगर यह इससे कम हुई तो माना जाता है कि खून पतला है और यह भी स्वास्थ्य के नजरिए से अच्छी बात नहीं होती है. इसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया बीमारी कहा जाता है.


फिलहाल जो कोविड-19 के कुछ सारे मरीजों में देखा जा रहा है वह खून का थक्का जमने की समस्या है. वायरस हमारे शरील की एंडोथिलियल कोशिकों का नष्ट कर देता है जो हमारे ऊतकों के अंदर-बाहर द्रव्यों के प्रवाह को नियंत्रित करती हैं. इससे हमारे शरीर में थक्का जमाने वाली प्रणाली शुरु हो जाती है. वायरस के कारण ऊतकों को नुकसान होने से उनमें सूजन लाने वाले अणु पैदा होता हैं और हमारा प्रतिरोध प्रणाली तंत्र खून का थक्का जमाने की प्रक्रिया शुरू कर देता है.



खून का थक्का दिल के मरीजों के लिए खासतौर पर खतरनाक होता है क्योंकि उनके दिल के आसपास थक्का जमना जानलेवा हो सकता है. इससे डायबिटीज, हाइपरटेंशन, मोटापा और अन्य बीमारी जिनमें दिल को खतरा होता है, खून का थक्का चिंताजनक होता है. इसीलिए ऐसे कोविड-19 संक्रमितों के खून पर निगरानी जरूरी हो जाती है.



केवल दिल ही नहीं, अगर थक्का दिमाग में जमे तो स्ट्रोक, फेफड़ों होने से शरीर में ऑक्सीजन कमी, पैरों की नसों में लिंब स्कीमिया जैसी और भी कई समस्याएं शरीर के अलग अलग हिस्सों में थक्का बनने से पैदा हो सकती हैं. आंतों के अंदर खून पहुंचाने वाली नसों, दिमाग के अंदर खून पहंचाने वाली और वहां से खून लाने वाली नसों में खून का थक्का बनना अलग अलग तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है.